बेहतर पहलः सरकारी स्कूलों की रूग्ण हालातों का अब जड़ से होगा इलाज
शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत के प्रयासों से बदलेंगे सरकारी शिक्षा के हालात, विद्या संवाद के तहत गांव के स्कूलों तक पहंचेंगे विभाग के उच्च अधिकारी
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई हो रही है, नहीं हो रही है, वहां की व्यवस्थाएं क्या हैं, बच्चों की क्या दिक्कतें हैं, पठन पाठन में क्या अड़चन है, मास्साब अपनी जिम्मेदारियों के प्रति कितने गंभीर हैं, यह सब पहले स्कूल या बहुत से बहुत ब्लाक स्तर तक ही सिमट कर रहता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। लुकाने छिपाने का खेल अब खतम हो जाएगा तो बीमारू शिक्षा व्यवस्था का जड़ से इलाज संभव हो सकेगा।
रूग्ण व्यवस्था का जड़ से उपचार के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने एक शानदार पहल की है। जो न सिर्फ सरकारी शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के कारगर होगी बल्कि खानापूर्ति साबित होती व्यवस्थाओं में जान फूंकने के लिए संजीवनी का काम करेगी।
जी हां शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने प्रदेश भर में ‘विद्या संवाद’ कार्यक्रम तय किया है। इसमें विभाग के उच्च अधिकारी विभागीय कार्यों की समीक्षा के लिये विभिन्न जनपदों में जायेंगे। और शिक्षकों, अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित करेंगे। विद्या संवाद कार्यक्रम के दौरान विभागीय अधिकारी शिक्षा की गुणवत्ता सहित विभागीय कार्यों का अवलोकन करेंगे, साथ ही न्यायालय में योजित वादों की संख्या में कमी लाने के लिये संबंधित शिक्षकों से वार्ता करेंगे। इसके लिये शिक्षा महानिदेशालय द्वारा सभी जनपदों के लिये अधिकारी नामित कर दिये हैं।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत के मुताबिक नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह प्रदेशभर में विद्या संवाद कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इसमें महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को देहरादून जनपद आवंटित किया गया है, वहीं निदेशक माध्यमिक शिक्षा राकेश कुमार कुंवर को पिथौरागढ़, निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी को हरिद्वार, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल को टिहरी, अपर निदेशक महानिदेशालय विद्यालयी शिक्षा राम कृष्ण उनियाल को उत्तरकाशी, अपर निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा एस0पी0 खाली को चमोली, अपर निदेशक एससीईआरटी डॉ0 आर0डी0 शर्मा को पौड़ी गढ़वाल, संयुक्त निदेशक डॉ0 एस0बी0 जोशी को चम्पावत, संयुक्त निदेशक एससीईआरटी आशा पैन्यूली को ऊधमसिंह नगर, प्रभारी अपर निदेशक सीमैट दिनेश चन्द्र गौड़ को रूद्रप्रयाग, संयुक्त निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रघुनाथ लाल आर्य को बागेश्वर, हरीश चन्द्र सिंह रावत को नैनीताल और संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा कंचन देवराड़ी को अल्मोडा जनपद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रत्येक विकासखंड में कम से कम तीन विद्यालयों का समग्र अनुश्रवण करेंगे, जिसकी रिपोर्ट वह आगामी 15 नवम्बर तक महानिदेशालय को उपलब्ध करानी होगी। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार ही सुधार की अपेक्षित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पूर्व में स्कूल व ब्लाक स्तर से जो रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के पास आती थी उसी पर सुधार के लिए मंथन किया जाता था। लेकिन अब उच्च अधिकारी स्वयं व्यवस्था की मूल जड़ तक पहुंचेंगे। जाहिर तौर पर शिक्षा मंत्री का यह प्रयास साख खो रही सरकारी शिक्षा पर आम जन का भरोसा लौटाने में काफी हद तक मददगार होगा।