पौड़ी गढ़वाल। श्रीनगर क्षेत्रातंर्गत बड़ते तेंदुए के हमले व बसावट के आस-पास बढ़ती चहलकदमी को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने जिला कार्यालय स्थित एनआईसी कक्ष में वर्चुअल माध्यम से संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। तेंदुए से संभावित खतरे से निपटने के लिए जिलाधिकारी ने वन विभाग, नगर निगम के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं।
गत दिनों से श्रीनगर क्षेत्रातंर्गत डांग, उफल्डा, श्रीकोट क्षेत्र में तेंदुए की उपस्थिति व हाल ही में हुए हमलों को देखते हुए जिलाधिकारी ने डीएफओ व उपजिलाधिकारी श्रीनगर को निर्देश दिये कि तेंदुए के हमले से प्रभावित इलाके सहित तेंदुए की अक्कसर उपस्थिति वालें स्थानों को चयनित करते हुए आवश्यतानुसार नाईट कर्फ्यू लगाना सुनिश्चित करें। स्पष्ट किया कि नाईट कर्फ्यू से चारधाम यात्रा प्रभावित न हो। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि तेंदुए के हमले से प्रभावित क्षेत्र, असुरक्षित बसावट के आस-पास तेंदुए की गतिविधि के पैर्टन को ट्रैक करते हुए याथाशीघ्र पकड़ने की कार्यवाही में तेजी लाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने श्रीनगर में वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि तेंदुए जल्दी पकड़ने के लिए ट्रैप कैमरों की संख्या को बढ़ाने के साथ-साथ उसके चहलकदमी पर निगरानी बढ़ाना सुनिश्चित करें।
आमजनमानस की सुरक्षा को देखते हुए जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी श्रीनगर को निर्देश दिये कि नगर निगम स्तर पर लेपर्ड मॉनिटरिंग सेल तथा संवेदनशील स्थानों पर रात्रि गश्त हेतु वन विभाग को दस अतिरिक्त पीआरडी कार्मिक व गश्ती वाहन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने नगर निगम क्षेत्रातंर्गत ऐसे स्थलों का चयन करने के निर्देश दिये हैं जहां पर स्ट्रीट डॉग्स व गोवंशीय पशु एकत्रित होते हों।
बैठक में वर्चुअल माध्यम से डीएफओ स्वप्निल अनिरूद्व, नगर आयुक्त कोटद्वार वैभव गुप्ता, उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा, आपदा प्रबंधन अधिकारी दीपेश काला उपस्थित थे।