देवभूमि उत्तराखंड में स्थित हिन्दू समाज का आस्था का प्रतीक भगवान बद्रीनाथ में 15 मजदूरों द्वारा नामज पढ़े जाने से बवाल हो गया। हिन्दू संगठनो द्वारा इस कृत्य पर भारी असंतोष जताते हुए, इसे हिन्दू धर्म की आस्था पर अतिक्रमण बताया है। स्थानीय निवासियों द्वारा ईद पर पवित्र धाम बद्रीनाथ में नमाज पढ़े जाने पर गहरा रोष जाहिर किया है।
दरअसल बद्रीनाथ धाम में आस्था पथ पर पार्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है। पार्किंग निर्माण के लिए पंद्रह मजदूर पार्किंग क्षेत्र के नजदीक ही रहते है। बुधवार को ईद के दिन इन सभी मजदूरों ने नमाज अदा की। हिन्दू के पवित्र धार्मिक स्थल पर इस प्रकार नमाज पढ़े जाने से हिन्दू संगठन विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्त्ताओ ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है।
बद्रीनाथ धाम के नजदीक बामणी गांव के निवासियों ने आरोप लगते हुए कहा है, कि मजदूरों द्वारा निर्माणाधीन पार्किंग की छत पर खुलेआम नमाज पढ़ी गयी। ग्रामीणों का कहना है, कि बाहरी प्रदेशो से आये मजदूरों को धाम से तुरंत वापस भेजा जाये। बद्रीनाथ धाम के व्यापारी सभा के अध्यक्ष विनोद नवानी द्वारा कहा गया, कि संभवतः इतिहास में पहली बार बद्रीनाथ धाम में इस प्रकार की घटना घटित हुई है।
उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ धाम के एक्ट 183 के तहत बद्रीनाथ धाम में भगवान बद्रीनाथ के अन्यत्र सभी प्रकार की गतिविधिया प्रतिबंधित है। उन्होंने शासन से निवेदन किया है, कि जो भी इस कृत्य में सम्मिलित था, उस पर उचित कार्यवाही की जाये। व्यापारी सभा के अध्यक्ष विनोद नवानी ने कहा, कि बद्रीधाम में स्थानीय निवासी भी पूरी जाँच पड़ताल और दस्तावेज दिखाने के बाद ही धाम क्षेत्र में प्रवेश कर पाते है। ऐसे में किस प्रकार अन्य मजहब के लोग धाम में पहुंच गए है, यह चिंतनीय विषय है।
इस पूरे प्रकरण पर हिन्दू संगठनो ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से भेट कर ज्ञापन सौंपा है। इस पर मंत्री द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए चमोली जिले के पुलिस अधीक्षक को मामले के जाँच के आदेश दिए गए। मामले की जाँच पड़ताल के बाद चमोली पुलिस द्वारा एक साथ एकत्रित होकर नमाज पढ़कर कोरोना के सामाजिक नियमो के उल्लंघन पर मजदूरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।