खबर है कि शासन ने एक सख्त निर्देश जारी यह कर दिया है कि उत्तराखंड के जो भी शिक्षक उत्तर प्रदेश या अन्य प्रांतों में कार्यरत हैं उनकी प्रतिनियुक्ति पूर्व में ही समाप्त कर दी गई है, अब उनकी वापसी के लिए भी शासन ने कट ऑफ जारी कर दिया है। शासन की ओर से राज्य परियोजना निदेशक लखनऊ को लिखे पत्र में लिखित रूप से यह उम्मीद जताई गई कि सभी शिक्षक पांच अप्रैल तक मूल विभाग में योगदान दें। लेकिन यदि मास्साब अपनी जिद्द पर अड़े रहे और निर्देशों का अनुनालन नहीं हुआ तो उन्हें निलंबित कर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि उत्तराखंड के कई शिक्षक, यूपी, बिहार और दिल्ली में कई सालों से अपनी नौकरी पका रहे हैं।