मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से पूरा उत्तराखण्ड ही एक डेस्टिनेशन है। राज्य को विभिन्न सर्किटों के माध्यम से जोड़ने का हमारा प्रयास है। पर्यटन के साथ एडवेंचर टूरिज्म एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों में भी प्रदेश में अनेक संभावनाएं हैं। पर्यटन की दृष्टि से विभिन्न क्षेत्रों को विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन प्रदेश की आर्थिकी का मजबूत आधार होने के नाते पर्यटन क्षेत्र से जुडे उद्यमी हमारे ब्रांड अम्बेसडर है।
शनिवार को राजपुर रोड स्थित होटल में एक न्यूज चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यटन क्षेत्र से जुडे उद्यमियों एवं व्यापारियों को हॉस्पिटैलिटी एण्ड टूरिज्म एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान करते हुये कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिये पर्यटन नीति बनायी गई है। पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढावा देने के लिये कई योजनाओं में शत प्रतिशत सब्सिडी दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों को हैली सेवा से जोड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है तथा जौलीग्रान्ट एअर पोर्ट के साथ पन्तनगर एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रयास किये जा रहे है। देहरादून से देश के लगभग सभी शहरों को हवाई सेवा से जोडा जा रहा है। पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का संचालन शीघ्र ही भारतीय वायु सेना द्वारा किया जायेगा। प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड में एवियेशन टर्बो फ़्यूल (एटीएफ) में लगने वाले वेट को 20 से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया है। राज्य के नैसग्रिक प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटन, उद्योग एवं व्यापार की यहां अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन हमारी आर्थिकी का आधार है इस दिशा में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न पर्यटन व्यवसायियों के साथ मीडिया से बेहतर समन्वय तथा जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी प्रचार प्रसार में योगदान के लिये महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी तथा वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान के लिये श्री सुशांत पटनायक को भी सम्मानित किया।
अपने संबोधन में पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन प्रदेश का महत्पूर्ण कारक है। पर्यटन को बढावा देकर युवाओं को स्वरोजगार एवं रोजगार से जोडने का प्रयास किया जा रहा है। गांवों में होमस्टे तथा सीमांत टूरिज्म को बढावा दिया जा रहा है। टैक्सी ड्राइवर को पर्यटकों एवं यात्रियों से उनकी स्थानीय भाषा में बात करने के भी प्रयास किया जा रहे है। इससे भी पर्यटन को बढावा मिलेगा । उन्होंने होटल व्यवसायियों से पहाड के गांवों को गोद लेकर पर्यटकों को ग्रामीण पर्यटन से जोडने में मददगार बनने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में 4600 होमस्टे संचालित है जिससे 16520 लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। पर्यटन के विभिन्न स्वरूपों को बढावा देने के साथ मेडिकल टूरिज्म की दिशा में प्रयास किये जा रहे है। इस अवसर पर सम्मान प्राप्त करने वाले पर्यटन से जुडे उद्यमियों ने भी अपने सुझाव रखे।