स्वास्थ्य मंत्री ने चिंतन शिविर की तैयारियों को लेकर अधिकारियों को दिए निर्देश
विकास योजनाओं की धीमी गति पर मंत्री ने अधिकारियों को लगाई फटकार
देहरादून: प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ करने तथा चिंतन शिविर की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने विकास योजनाओं की धीमी प्रगति पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई।
यमुना कॉलोनी स्थित शासकीय आवास में अयोजित बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि आगामी दिनों में प्रदेश में स्वास्थ्य चिंतन शिविर का आयोजन किया जाना है। प्रदेश के लिए आगामी दो दशक तक की बेहतर स्वास्थ्य कार्ययोजना तैयार करनी है। राज्य में कैसे स्वास्थ्य व्यवस्था और अधिक बेहतर हो सकती है इस पर चिंतन किया जाना है। इसमें नीति आयोग से लेकर केंद्रीय पदाधिकारी शिरकत करेंगे। उन्होंने शिविर को लेकर सभी अधिकारियों को तैयारी के निर्देश दिए।
उन्होंने मेडिकल कॉलेज व एनएचएम की सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के साथ ही आयुष्मान योजना को जन जन तक पहुंचाने के निर्देश भी बैठक में अधिकारियों को दिए।
मंत्री जी ने मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों व विभाग में रिक्त पदों पर चयन प्रकिया की समीक्षा हेतु प्रत्येक माह बैठक करने के निर्देश दिए। बैठक में कैबिनेट में लाए जाने वाले विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
विकास योजना की धीमी रफ्तार पर मंत्री ने असंतोष जताया। इसके लिए उन्होंने हर रोज वर्चुअली समीक्षा बैठक के निर्देश दिए। कहा कि ब्लाक स्तर तक स्वास्थ्य जरूरतों का खाका तैयार करें, ताकि सब कुछ व्यवस्थित करना आसानी से संभव हो सके ।
कहा कि राज्य के सभी गांवों में आयुष्मान चौपाल लगाई जाएंगी। शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी बनाकर हर गांव आयुष्मान गांव घोषित किया जाना है। इसके लिए सभी लोग तैयारी में जुट जाएं।
प्रदेश में ग्रीन चैनल की लॉन्चिंग को लेकर भी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए। कहा कि आयुष्मान योजना के तहत उपचार कराने वाले लाभार्थी अब अस्पताल के बिलों पर हस्ताक्षर करेंगे, तभी भुगतान हो पाएगा। निश्चित रूप से ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं और अधिक दुरुस्त होगी।
उन्होंने आयुष्मान योजना के बिलों का भुगतान नियत समय पर किए जाने पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की पीठ भी थपथपाई।
इस मौके पर सचिव स्वास्थ्य डा राजेश कुमार, अपर सचिव नमामि बंसल, अमनजीत कौर, डा आनन्द श्रीवास्तव, महानिदेशक स्वास्थ्य व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।