जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने कलेक्ट्रेट परिसर में फहराया राष्ट्रीय ध्वज।
स्वतंत्रता के पीछे के विभिन्न कारकों व स्थानीय स्तर पर आजादी की मशाल जलाने वाले रणबांकूरों के योगदान की की गयी चर्चा।
देश के बलिदानियों की अंतिम छोर पर बैठे आदमी के आंसु पोंछने की प्रेरणा को साकार करने के लिए सक्रिय और कर्तव्यनिष्ठ कार्मिक बनने का दिया संदेश।
जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान द्वारा स्वतंत्रता की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में ध्वजारोहण करते हुए आजादी के दौरान उपजी विभिन्न विचारधाराओं, निर्णायक कारकों तथा स्थानीय स्तर पर आजादी की मशाल थामने वाले रणबांकूरों के योगदान की चर्चा करते हुए सभी को शुभकामनाएं प्रदान दी। उन्होंने आजादी की लड़ाई में उत्तराखंड के साथ ही विभिन्न प्रजामंडल आंदोलनों को स्मरण कराते हुए कहा कि हमें देश पर मर-मिटने वाले हीरों की कहानियों को अपनी अगली पीढ़ी को पहुंचाते रहना चाहिए ताकि हमारे बच्चे उनसे प्रेरणा ले सके। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोस में पाकिस्तान-अफगानिस्तान में लोकतंत्र पर अनेक आघात हुए लेकिन हमारा लोकतंत्र आज भी दुनियां के लिए आदर्श बना हुआ है तो इसके पीछे राष्ट्र निर्माण की वही प्रेरणा और सपने हैं जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देखे थे। उन्होंने कहा कि हमें बतौर अधिकारी और सरकारी कार्मिक यह सोचना चाहिए कि हम अपने दायित्वों को किस तरह से बेहतर तरिके से संपादित कर सकें ताकि जनता का हमारे ऊपर विश्वास ना केवल बना रहे बल्कि और मजबूती बने।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डेय ने कहा कि हमें कुर्सी मिलने पर निर्बल वर्ग के प्रति हमें अपना कर्तब्य नहीं भूलना चाहिए तथा हमें आजादी के पूर्व तथा आजादी के पश्चात आज की तिथि तक क्या बदलाव आये हैं उनका भी तुलनात्मक अध्ययन करते हुए शासन-प्रशासन को जनकेन्द्रित कैंप बनाया जा सके इस पर ध्यान लगाना चाहिए।
स्वतंत्रता की 76वीं वर्षगांठ पर अपर आयुक्त गढ़वाल मंडल नरेंद्र सिंह कुरियाल, विभिन्न विभागाध्यक्षों तथा कार्यालयाध्यक्षों द्वारा भी अपने-अपने परिसर में ध्वजारोहण किया गया।
कलेक्ट्रेट परिसर में इस दौरान अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, उपजिलाधिकारी मुक्ता मिश्रा, अबरार अहमद, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रवीण कुमार सहित संबंधित अधिकारी कार्मिक और सामान्य जनमानस उपस्थित था।