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हिमालय दिवस 2021: देश के लिए अभेद्य सुरक्षा कवच का काम करता है विशाल हिमालय

हिमालय के संरक्षण और बचाव के लिए दस वर्ष पूर्व शुरू हुई अभियान धीरे-धीरे परवान चढ़ रही है। हिमालय दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत और हिमालय विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि हिमालय दिवस को देशभर में विस्तृत स्तर पर एक पर्व के रूप में मनाया जाना चाहिए।

पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार कस्तूरी मृग, थार, घुरड़ और मोनाल अधिक दिख रहे हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बहुत कम दिखने वाले कस्तूरी कमल और फेन फ्लावर भी हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी में खिले हुए हैं।

बुग्याल क्षेत्र को केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने न सिर्फ पुनर्जीवित कर दिया है, बल्कि वहां हो रहा भूस्खलन भी रुक गया है। पिछले साल तक जो मैदान सूखा हुआ था वह इस बार बुग्याल से हरा-भरा हो गया है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अंतर्गत केदारनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मंडल और चोपता जैसे सुरम्य बुग्याल स्थित हैं। बुग्यालों में बारामासी हरियाली बिखरी रहती है, लेकिन कई जगहों पर भूस्खलन और मवेशियों के चरान से बुग्याल क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। बीते दो माह में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने प्रभाग के अंतर्गत दो बुग्यालों को संरक्षण देकर फिर से पुनर्जीवित कर दिखाया है

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