प्रदेश में जीआईसी व जीजीआईसी का होगा एकीकरणः डा धन सिंह रावत
– भारत सरकार के मानकों के अनुरूप तय होगी डायट की सेवा नियमावली
– शिक्षा मंत्री ने स्कूलों मंे पाठ्य पुस्तकें यथा समय पर पहुंचाने के अधिकारियों को दिए निर्देश
देहरादूनः प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने उच्च अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में डायट की नियमावली व जीआईसी व जीजीआईसी के एकीकरण समेत अन्य कई विषयों पर चर्चा हुई।
यमुना कॉलोनी स्थित शासकीय आवास में आयोजित बैठक में शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में संचालित डायट संस्थानों की सेवा नियमावली को भारत सरकार के मानकों के अनुरूप बनाया जाए। और यहां जो शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें उनके मूल स्थानों पर भेजा जाएगा। डायट में नियमित व्यवस्था होने पर वहां प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक तैनात किए जाएंगे।
बैठक में बताया गया कि कई जनपदों से राजकीय इंटर कॉलेज व राजकीय बालिका इंटर कॉलेजों को एकीकरण के प्रस्ताव आए हैं। मंत्री ने जीआईसी व जीजीआई के एकीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के भी निदेश अधिकारियों को दिए। वहीं सेवा में महिला व पुरूष संवर्ग के विलय पर भी चर्चा की गई। हालांकि इसके लिए आम राय लेने की भी बात हुई।
शिक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस बार स्कूलों में यथा समय पाठ्य पुस्तकें पहुंच जानी चाहिए। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को ठोस प्लानिंग के निर्देश देते हुए कहा कि पठन पाठन में किसी तरह का व्यवधान ना आए इस बात खास ध्यान रखा जाए। इस मौके पर अधिकारियों को प्रदेश के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों की व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
अशासकीय विद्यालयों की समीक्षा में बताया कि कई स्कूलों में छात्र संख्या बहुत कम है लेकिन उस अनुपात में शिक्षक व अन्य पद मानकों से अधिक हैं। ऐसे विद्यालयों के पदों पर पुनर्विचार कर मानकों के अनुरूप व्यस्थाएं देने को कहा गया। निर्णय लिया गया कि प्रांतीयकरण के लिए जिन विद्यालयों के प्रस्ताव आए हैं उनका राजकीयकरण किया जाएगा।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में 100 विद्यालयों में रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू करने हैं। यहां बताया गया कि डीएएड नियमावली के प्रख्यापन की प्रक्रिया गतिमान है, जल्द ही वह पूरी हो जाएगी। शिक्षा मंत्री डा रावत ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि हमें छात्रहितों को प्राथमिकता में रखना है। बैठक में वर्चुवल क्लास व स्मार्ट क्लासेज की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
इस मौके पर सचिव शिक्षा, महानिदेशक शिक्षा समेत तमाम बड़े अधिकारी मौजूद रहे।