आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य हासिल करने को जबरदस्त एक्सरसाइज
– स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों पर तय लक्ष्य अनुरूप प्रगति न करने वाले जनपदों में चल रहे हैं संयुक्त अभियान
– मंत्री बोले, प्रदेश में शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाने की है सरकार की कोशिश
देहरादूनः राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए ठोस रणनीति पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के जिन जनपदों में आयुष्मान कार्ड निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप नहीं बन पा रहे हैं वहां प्राधिकरण के अधिकारी स्वास्थ्य विभाग से लेकर पंचायत व खाद्य एवं पूर्ति विभाग से समन्वय स्थापित कर लक्ष्य हासिल करने की रणनीति तय कर रहे हैं।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने बताया कि आयुष्मान योजना जनहित की एक अद्भुत योजना है। जीवनदान से बड़ा कोई कार्य नहीं होता। आयुष्मान योजना रूग्णता से ग्रसित मरीजों के प्राण बचाने में संजीवनी का काम कर रही है। सरकार की कोशिश है कि राज्य में शत-प्रतिशत लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर किसी को भी दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
उन्होंने बताया कि हरिद्वार, टिहरी, पिथोरागढ़, रूद्रप्रयाग व चमोली जनपदों में आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर लक्ष्य के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाई है। इसलिए इन जनपदों में स्वास्थ्य, पंचायत व खाद्य पूर्ति विभाग को समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए हैं। प्राधिकरण के अधिकारी जनपदों में जाकर रेखीय विभाग से समन्वय की स्थापित कर लक्ष्य हासिल करने हेतु प्रयास में जुटे हैं। इस कार्यक्रमों में उन वजहों की तलाश होगी जिस कारण अपेक्षित लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहा है।
डा रावत ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में राज्य स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों समेत 57.40 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। 12.22 लाख से अधिक मरीज आयुष्मान की निशुल्क उपचार सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। इस निशुल्क सेवा के जरिए लाभार्थियों पर पड़ने वाले 2474.88 करोड़ के आर्थिक बोझ को सरकार द्वारा वहन किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में 101 सरकारी व 192 निजी अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध किए गए हैं। पर्वतीय क्षेत्रों की विकट स्थितियों को देखते हुए योजना के तहत अस्पताल सूचीबद्धता में पहाड़ी क्षेत्रों को कुछ रिहायत देने के भी निर्देश दिए हैं।