दृष्टिदोष का हुआ निदानः आयुष्मान के दम से फिर रोशन हो रही रंगीन दुनिया
देहरादून राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, इजराना, बुद्धिराज, राज नैथानी, पंडित बृजमोहन भट्ट, मुल्तजिन समेत हजारों की तादाद में दृष्टिदोष वाले लोगों की कहानी एक सी भले ही ना हो लेकिन मिलती जुलती जरूर है। आंखों की रोशनी जब दगा देने लगी तो किसी भी काम पर लगने वाली ताकत भी आधी हो गई। लेकिन आयुष्मान ने इन सब की आंखों की रोशनी को फिर से लौटा दिया है। धुंधलाती तस्वीरें अब साफ दिखने लगी हैं और फिर उनकी नजरों में दुनिया खूबसूरत और रंगीन हो गई।
सामान्य स्थितियों में दुष्टिदोष की मुश्किलों को पूरी तरह से समझा नहीं जा सकता। लेकिन सामने के नजारे जब ओझल हो जाएं या फिर धुंधलाने लगें तो चुनौतियों की इस दुनिया की मुश्किलों में भी कई तेजी से इजाफा होता है। यह बात किसी दार्शनिक का दर्शन नहीं बल्कि उन लोगों की जुबां से निकला सच है जो इन हालातों से गुजरे हैं।
आयुष्मान योजना के तहत इजराना की आखों का उपचार हुआ, अस्पताल में उनका पुत्र उनके साथ है। वह बताते हैं कि जब बहुत अधिक पेरशानी हो गई, लेकिन तब भी कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। बाद में आयुष्मान के बारे में पता लगा और उनका मुफ्त उपचार हो गया। बगैर पैसा खर्च किए ही अब उनका रोग कट गया है।
इसी तरह बुद्धिराज, बृजमोहन, मुल्तजिन, शाहीद समेत तमाम लोगों ने जब अपनी व्यथा कही, उससे दृष्टिदोष की गंभीरता भी ठीक से समझ में आ जाएगी और आयुष्मान योजना का महत्व भी। इनमें से कुछ अपनी स्थिति बयां कर सकते हैं लेकिन जो नहीं कह सकते उनके तीमारदार उनके संघर्ष की कहानी को बयां करते हैं।
वह बताते हैं कि आंखें पहले कमजोर हुई, तो लगा कि ऐसे ही चल जाएगा। फिलहाल काम चल रहा है तो चल रहा है। रोजमर्रा की हाड तोड़ मेहनत करना जिनके स्वभाव में हो, यदि उन्हें दिखाई ना दे तो इससे उनकी श्रमशक्ति का प्रभावित होना स्वाभाविक है। कई कहते हैं कि जांच को लेकर ना तो जागरूकता थी और ना ही हालात। धीरे धीरे स्थितियां बिगड़ती गई, तो काम की क्षमता भी खत्म हो गई। ज्यादातर मेहनतकशों के सामने यह सवाल उठा कि आंख ठीक से देखेंगी नहीं तो काम कैसे चलेगा। और जेब इतनी मजबूत नहीं कि उपचार का खर्च उठा सके।
वह बताते हैं कि आयुष्मान के बारे में जब उन्हें पता चला तो उन्होंने उसका लाभ उठाया। जांच भी हुई और ऑपरेशन भी। अब वह लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं। भले ही अभी उनका स्वास्थ्य लाभ चल रहा है। लेकिन वह खुश इस बात को लेकर हैं कि वह अब फिर ठीक से देख सकते हैं। योजना के लाभ पर फीडबैक देने वाले सभी लाभार्थियों ने प्रदेश और केंद्र सरकार के साथ ही संबंधित अस्पताल की व्यवस्थाओं, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, आयुष्मान को संचालित करने वाली पूरी टीम का आभार जताते हुए यह अपील आम जन से की, कि आयुष्मान कार्ड बहुत काम की चीज है, यदि आपने अभी तक अपना कार्ड नहीं बनाया तो अवश्य बना लें। साथ ही वह योजना के बारे में किसी भी जानकारी के लिए प्रचारित टॉल फ्री नंबर 155368/18001805368 का महत्व भी बखूबी समझाते हैं।