Skip to content
Raath Samachar

Raath Samachar

Raath Samachar

Raath Samachar

  • राष्ट्रीय
  • उत्तराखंड
  • आंदोलन
  • खेल
  • पर्यटन
  • युवा जगत/ शिक्षा
  • राजनीति
  • हादसा
  • अपराध

  • राष्ट्रीय
  • उत्तराखंड
  • आंदोलन
  • खेल
  • पर्यटन
  • युवा जगत/ शिक्षा
  • राजनीति
  • हादसा
  • अपराध
Breaking News
  • आयुष्मान योजना को लेकर सीईओ ने जारी की गाइडलाइन
  • ई-डीपीआर मॉड्यूल से की जाए सभी डीपीआर तैयारः मुख्य सचिव
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में जनजागरुकता अभियान जारी
  • गंगा संस्कृति केंद्र में 5डी फिल्म और वर्चुअल रियलिटी का हो समावेश: डीएम
  • कपकोट व थराली को उप जिला चिकित्सालय की सौगात
  • नई दिल्ली में हुआ सहकारिता मंथन
  • पंचायत क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू
  • मुख्य सेवक सदन में विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए अन्तरिक्ष सम्मेलन 2025
  • देहरादून में स्वास्थ्य संवाद व विशाल स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन
Slider

त्रिभुवन सिंह चौहान लाजवाब फोटोग्राफर,कर्मठ ट्रैकर, कुशल समन्वयक एवं एक बेहतरीन इंसान!

Raath Samachar
February 21, 20220

त्रिभुवन सिंह चौहान
लाजवाब फोटोग्राफर,कर्मठ ट्रैकर, कुशल समन्वयक एवं एक बेहतरीन इंसान!
गंगा जमुनी तहज़ीब! अर्थात सनातन धर्म की पुख्ता नींव। इस नींव में मात्र इन नदियों का पानी ही नहीं है- इनके उच्च संस्कार भी हैं और इनकी आदर्श संस्कृति भी है। ठीक इन्हीं के समीप हमारी अल्प बुद्धि जिन्हें सदियों से बेडौल पत्थर मानकर चल रही है। वस्तुतः इस चराचर जगत में वे ही असली तपस्वी हैं और योग साधक भी वही हैं। ये साधना में इतने लीन हैं कि मां गंगा के आगे नतमस्तक होते-होते उनकी कमर झुक गई है। गौर करें! और फिर गिनकर देखें उनमें कितने हैं जिन्हें हमारे शिवालयों और देवालयों में जगह मिली है? लगता है असली साधक अभी भी यहीं हैं। लेकिन हमारी क्षुद्र बुद्धि देखिए वह इन्हें खोद खोदकर तोड़ रही है। और इन्हीं के बल पर भौतिकता की नींव रख रही है। किन्तु इन साधकों की उदात्त भावना देखिए कि भौतिकता के इन प्रहारों में एक पल के लिए भी इन्होंने मां गंगा की तपस्या नहीं छोड़ी है। जितनी बार मां गंगा इनको स्पर्श करती है उतने ही बार इनके कंठ से एक ही ध्वनि उच्चारित होती है- ऊं नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहाः अर्थात मुझे बार-बार मिल, पवित्र कर, पवित्र कर हे भगवति मां गंगे!
गंगा के इन्हीं आदर्श, संस्कारवान और महा योगियों महा तपस्वियों के बीच हाड़ मांस के भी कई हीरे हैं। लगता है ये हीरे भी कर्म साधना उन्हीं गंगा ऋषियों से सीखें हैं। अगर निश्छल हृदय से इस देवभूमि की रज माथे पर रगड़नी है तो इन बहुमूल्य रत्नों की पहचान भी बहुत जरूरी है। इन्हीं रत्नों में एक तपोनिष्ट हैं भाई त्रिभुवन सिंह चौहान! और गुणी जनों के मध्य पहचान लाजवाब फोटोग्राफर, कर्मठ ट्रैकर ,कुशल समन्वयक के साथ ही एक बेहतरीन इंसान!
ऋषिकेश स्थित गंगा के उत्तरी छोर पर त्रिमूर्ति दत्तात्रेय आश्रम के समीप है आपकी छोटी सी कला कुटीर। त्रिभुवन भाई से वहीं मुलाकात हुई। दुबला पतला लगभग पांच फिटा शरीर। देखकर जेहन में प्रश्न उठा, इतनी दुबली-पतली काया ट्रेकर के तौर पर पहाड़ पर कैसे चढ़ी होगी? लेकिन वार्तालाप के साथ धीरे-धीरे यह तथ्य भी साफ होता गया कि हुनर के पीछे उनकी प्रबल इच्छा शक्ति हर पल साथ रही। इसी प्रबल इच्छा शक्ति के बल पर यह दुबली-पतली काया जो एक बार पहाड़ के दुर्गम, पथरीले रास्तों पर बढ़ी तो फिर खतलिंग केदारनाथ, पिंडारी, कालिंदी, मिलम मुनस्यारी, हरकी दून, बाली पास, भावा पास, रूपिन पास, राजजात, पिन पार्वती ट्रेक, रूपकुंड ट्रेक को एक नहीं कई बार नापती ही चली गयी।
पूछा- जहन में पहले क्या बैठा- ट्रेकिंग या फोटोग्राफी?
सधा जवाब मिला- पहाड़ी हैं तो ट्रेकिंग तो खून में पहले से ही था। लेकिन जहां तक फोटोग्राफी की बात है उसकी शुरुआत बड़ी हतोत्साहित करने वाला रही। कैमरा खरीदने के लिए दस हजार की जरूरत थी। लोन के लिए बैंक से दरख्वास्त की। बैंक मैनेजर ने कहा आपके पास फोटोग्राफी का कोई प्रमाण पत्र या कोई अनुभव है? जवाब दिया- नहीं! उसने कहा- तब तो मैं तुम्हें लोन नहीं दे सकता! वसूली कैसे होगी? दुकान के लिए दे सकता हूं! दुकान खोल दो! – घर आया और एक दो दिन में पुराने मटीरियल के जंक जोड़ से एक काम दिखाऊ ढांचा खड़ा कर किया, तब जाकर बैंक से लोन पास हुआ। और, मेरे हाथ में पहला कैमरा आया। यूं समझ लीजिए कि कैमरा और ट्रेकिंग से ही ग्वालदम से बाहर गहराई से दुनिया देखने का मौका मिला। संघर्ष लगातार रहा, आज भी जारी है। लेकिन लौक डाउन ने तो कमर ही तोड़…
इतना कहते-कहते थाली से मुंह की ओर उठे कौर को रोककर सहधर्मिणी से पूछते हैं, बाबा जी ने…। उधर से जवाब मिला- बाबा जी खा चुके हैं! मैंने प्रश्न किया- बाबा कहां है? त्रिभुवन भाई की सहधर्मिणी ने सड़क के दूसरे छोर की मुंडेर पर बैठे बाबा जी की ओर दृष्टि डालकर कहा – वो सामने हैं! ये बाबा अनोखे हैं! कभी खाते हैं कभी नहीं खाते हैं। कभी सूखी रोटी, कभी मात्र चाय बनाने को कहते हैं। उनके लिए ना शब्द नहीं है। इसलिए इच्छा न होने पर भी अक्सर यहां बैठ जाते हैं। वैसे… ये त्रिभुवन जी की आदत है द्वार पर आये किसी को भी भूखा नहीं जाने देते हैं। धर्म परायण नगरी के ये संस्कार कहीं न कहीं त्रिभुवन भाई के रचना कर्म में भी देखने को मिलते हैं।
इसी बात से आगे थोड़ा बौद्धिक विमर्श पर त्रिभुवन भाई आगे जोड़ते हैं- भाई! मां गंगा में हर कोई राह तलाशते हैं। सुख सुविधाओं वाले भी – और दुखियारे भी। एक दिन यहीं सड़क पर था कि नीचे से किसी की आवाज सुनाई दी- अरे बचाओ! बचाओ! एक औरत ने अपनी बच्ची के साथ नदी में छलांग लगा दी है। इतना सुनते ही सीधे नदी की ओर दौड़ लगा दी। थोड़ी दूर तैरकर उस बेसुध बहन को ऊपर उठाते ही समीप एक नाव भी आ गई। नाव वालों ने बहन को धोती के छोर से थाम लिया। फिर एकदम ख्याल आया कि इस बहन की लड़की भी है। और जैसे ही मैंने उसकी खोज में वहां दुबारा डुबकी लगाई तो देखता हूं वह बच्ची अपनी मां के पांव से लिपटी हुई है। फौरन उसे भी बाहर खींचा। लड़की के नाक और पेट में पानी भर चुका था लेकिन प्रभु कृपा से सांस चल रही थी।
समय पर ट्रीटमेंट भी हुआ और दोनों की जान बच गई। भाई ! ऐसी ही कई घटनाओं का साक्षी हूं। दो तीन वर्ष पूर्व तक गंगा जी के आर पार तैर जाता था। अब उतनी सामर्थ्य नहीं है। लेकिन अभी भी जो बच्चे सैल्फी, मौज मस्ती के लिए नदी की ओर जाते हैं उन्हें आगाह कर देता हूं आगे न जाएं यहां नदी बहुत गहरी है!
वास्तव में नदी हो अथवा साहित्य, कला, संस्कृति उनमें गहरे तक पैठना हर किसी की सामर्थ्य में भी नहीं है। उनमें गहरे तक पैठने के लिए त्रिभुवन भाई सदृश्य दूरदर्शिता और प्रबल इच्छाशक्ति की जरूरत होती है।
लेकिन मात्र गहरे तक पैठना ही नहीं अपितु आम जनमानस के साथ भी समन्वय होना भी जरूरी है। इस दृष्टि से भी आप पीछे नहीं हैं। सर्विया मूल के लेखक, निर्माता, निर्देशक गोरान पाश्कलजिविक द्वारा निर्देशित एवं विक्टर बैनर्जी, राज जुत्सी, एस.पी.मंमगाई अभिनीत केदारनाथ त्रासदी तथा कई ज्वलंत मुद्दों पर आधारित मूवी देवभूमि लैंड आफ गॉड में लोकेशन कोआर्डिनेटर तथा विपुल मेहता निर्देशित गुजराती गोल्डन जुबली फिल्म चाल जीवि लाये में लाइन प्रोड्यूसर के रूप में आपकी भूमिका आपके इसी गुण को विस्तार देती हैं।
एक रचनाकार की रचनात्मकता दूसरे रचनाकार की दृष्टि में कितनी है? यह भी एक रचनाकार की गहराई मापने की महत्त्वपूर्ण कड़ी है। इसमें भी त्रिभुवन भाई पीछे नहीं हैं। ख्यातिनाम चित्रकार बी. मोहन की स्मृति में सर्वप्रथम फोटो प्रदर्शनी आपके सौजन्य से ही लगी है। कहते भी हैं- बी. मोहन! वे असली योगी थे। हमें उनके कार्य की उपेक्षा भी चिंतित करती है।
यह पूछने पर कि – अभी तक कितनी फोटो खींच चुके हैं?
कहते हैं- एक लाख से ऊपर फोटो खींच चुकी होंगी। शौक महंगा है लेकिन कमी नहीं की है। किन्तु स्कोप आज भी ज्यादा नहीं है। कुछ इधर-उधर मैगजीन्स में छपी हैं। पचास के करीब अल्मोड़ा पुस्तक भंडार ने खरीदी हैं। सूचना विभाग भी साल भर में कलेंडर हेतु दो चार छाप लेता है। वैसे सूचना विभाग से ज्यादा पर्यटन विभाग से संभावनाएं थी। लेकिन हमारे पास पर्यटन का अभी तक कोई सार्थक पैटर्न नहीं है। राजस्थान ने ढांणी के रूप में वहां के खान-पान और संस्कृति संरक्षण की जो चेन शुरू की है वह काबिले तारीफ है। वैसी ही कोशिश उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए जरूरी है। कला का क्षेत्र तो यहां और भी उपेक्षित ही है। संसाधन हैं लेकिन धन नहीं है।
महंगाई की मार इतनी कि कुछ फोटो अभी तक डिवलप ही नहीं की जा सकी हैं। कला दीर्घा में टंगी एक धुंधली फोटो भी इस बात की गवाही देती है। उस फोटो पर मेरी दृष्टि पड़ते ही त्रिभुवन भाई कहते हैं- श्ये भी कलर्ड फोटो ही थी। लेकिन…।श् – लेकिन यही कि समुचित रखरखाव के लिए प्रयाप्त धन ही नहीं है।
यकीनन त्रिभुवन भाई के संग्रह में यही एक अकेली धुंधली फोटो नहीं होगी- और भी कई होंगी। ऐसा नहीं कि संरक्षण, संवर्द्धन की कोशिश नहीं की होगी। किन्तु – व्यक्तिगत प्रयास की भी तो एक सीमा होती है। व्यक्तिगत प्रयास से आगे की संभावनाएं व्यवस्था की इच्छाशक्ति पर ही निर्भर होती हैं। देखते हैं व्यवस्था इस ओर कब सजग होती है।
त्रिभुवन भाई! आप कर्मयोगी हैं। मां गंगा भी आपके कर्म योग की साक्षी है। आप कर्म पथ पर यूं ही रत रहें! आप शतायु जिएं!

Previous Post

वेतन न मिलने पर रोडवेज कर्मियों का कार्य बहिस्कार जारी

Next Post

8 मार्च को पाबौ में होगा राठ महोत्सव

Related Articles

Slider

श्रीनगर में आयोजित छात्रसंघ शुभारंभ समारोह में प्रतिभाग

Sliderउत्तराखंड

मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिस्ट संविदा चिकित्सकों का बढ़ा वेतन

Slider

यात्रियों को पानी एवं बिस्कुट वितरित किए

Slider

शिक्षा व्यवस्था परखने स्कूलों में जायेंगे विभागीय अधिकारी

Slider

uksssc: धामी राज खत्म हुआ नकल माफियाओं का गंदा खेल

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

https://raathsamachar.com/wp-content/uploads/2025/05/VEDIO.mp4

Recent Posts

  • आयुष्मान योजना को लेकर सीईओ ने जारी की गाइडलाइन July 2, 2025
  • ई-डीपीआर मॉड्यूल से की जाए सभी डीपीआर तैयारः मुख्य सचिव July 2, 2025
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में जनजागरुकता अभियान जारी July 2, 2025
  • गंगा संस्कृति केंद्र में 5डी फिल्म और वर्चुअल रियलिटी का हो समावेश: डीएम July 2, 2025
  • मॉक ड्रिल में विभागों के बीच दिखा शानदार समन्वय July 1, 2025
  • मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड कैंपा शासी निकाय की बैठक July 1, 2025
  • कपकोट व थराली को उप जिला चिकित्सालय की सौगात July 1, 2025
  • नई दिल्ली में हुआ सहकारिता मंथन July 1, 2025
  • पंचायत क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू July 1, 2025
  • वाइल्डलाइफ डेथ ऑडिट प्रणाली विकसित करने के निर्देश June 30, 2025
  • मुख्य सेवक सदन में विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए अन्तरिक्ष सम्मेलन 2025 June 30, 2025
  • देहरादून में स्वास्थ्य संवाद व विशाल स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन June 30, 2025
  • जनपद के 10 परीक्षा केंद्रों में 2024 अभ्यर्थियों ने दी PCS Pri June 29, 2025
  • देहरादून आईएसबीटी एरिया में जल भराव नहीं June 29, 2025
  • प्रधानमंत्री के ’मन की बात’ कार्यक्रम June 29, 2025
  • मानसून के दृष्टिगत 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश June 29, 2025
  • भारी बारिश, तेज बहाव, फिर भी नहीं थमा प्रशासन का सर्च, रेस्क्यू अभियान June 28, 2025
  • सहकारिता मंत्री ने की विभागीय योजनाओं की समीक्षा June 28, 2025
  • स्वास्थ्य विभाग में 9 मृतक आश्रितों को मिली नौकरी June 28, 2025
  • 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहिता लागू June 28, 2025
  • पीपीपी मोड पर चल रहे सरकारी अस्पताल अब डीएम के रडार पर June 28, 2025
  • 30 सितम्बर तक छात्रों के खाते में भेजें धनराशिः डॉ. धन सिंह रावत June 27, 2025
  • SHA ने लिया अस्पताल के खिलाफ एक्शन June 27, 2025
  • भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी पर एक्शन जारी June 27, 2025
  • डोभ श्रीकोट व मल्ली गांव में 300 बेड़ू के पौधों का रोपण किया गया June 27, 2025
  • श्रद्धालुओं को उत्तम यात्रा अनुभव देना हमारी प्राथमिकता: जिलाधिकारी June 27, 2025
  • सीएम हेल्पलाइन 1905 में शिकायतों के समाधान के लिए विशेष अभियान June 26, 2025
  • बदरीनाथ राजमार्ग पर टैंपो ट्रैवलर अलकनंदा नदी में जा गिरा June 26, 2025
  • डे-टू-डे करना ही है पेयजल शिकायतों का निस्तारण June 26, 2025
  • पंजाब में चमोली के राजेश के उत्पीड़न के मामले का सीएम ने लिया संज्ञान June 26, 2025
  • कार्यशाला: क्षेत्रीय सिनेमा की संभावनाओं पर रहा विशेष फोकस June 25, 2025
  • कोरोनेशन ओटोमेटेड पार्किंग तैयार June 25, 2025
  • Accident: नहर में एक कार अनियंत्रित, चार लोगों की मौत June 25, 2025
  • असहाय बालिकाओं का भविष्य संवारता, जिला प्रशासन का प्रोजेक्ट ‘‘नंदा-सुनंदा’’ June 25, 2025
  • ABDM: राज्य मिशन निदेशक ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश June 25, 2025
  • कैबिनेट मंत्री ने डा धन सिंह रावत ने ट्रीटमेंट कार्य का निरीक्षण किया June 24, 2025
  • एसएनसीयू ऋषिकेश व विकासनगर में रहेगा डेडिकेटेड स्टाफ June 24, 2025
  • सूबे में 1.30 लाख मैट्रिक टन हुई भण्डारगृहों की भण्डारण क्षमता June 23, 2025
  • रुद्रप्रयाग हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त के जांच के आदेश June 15, 2025
  • देहरादून में आयोजित ‘रन फॉर योगा’ CM ने प्रतिभाग किया June 15, 2025
  • जिला अस्पताल व मेडिकल कालेजों में मिलेगी सम्पूर्ण चिकित्सा सुविधा June 15, 2025
  • आईटीबीपी के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया June 14, 2025
  • सरकार लैंडस्केम को लेकर संवेदनशील, उच्च प्राथमिकता पर रखकर कार्य करें June 14, 2025
  • डीएम के आह्वान पर कई वर्षों बाद जिलें मेें इमरजेंसी कम्यूनिकेशनस June 14, 2025
  • असहाय; दिव्यांग; महिला; बुजुर्ग; बच्चों से बदसुलुकी सहन नहीः डीएम June 12, 2025
  • हर घर तक शुद्ध पेयजल की निर्बाध आपूर्ति -डीएम June 12, 2025
  • प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को देंगे और गति June 11, 2025
  • महाराज के एक्शन के बाद कंपनी का अनुबंध निलंबित June 10, 2025
  • सहकारी बैंकों में शीघ्र होगी बंपर भर्ती, युवाओं को मिलेंगे रोजगार के मौके June 10, 2025
  • जल्द दूर होंगी गोल्डन कार्ड की विसंगतियां: डॉ. धन सिंह रावत June 10, 2025
  • मुख्यमंत्री ने पुुरोला को दी 210 करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात June 9, 2025
  • एग्री मित्रा उत्तराखण्ड 2025″ महोत्सव कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा June 9, 2025
  • उत्तराखण्ड की बोलियों का एक भाषाई मानचित्र बनाएगा उत्तराखण्ड भाषा संस्थान June 9, 2025
  • प्रशासन को आभास है भलीभांति;अपनी शक्तियां भी दायित्व भी : डीएम June 8, 2025
  • जनसैनिक हैं धामी – खेत, गांव, संविधान और संकल्प सब साथ लेकर चल रहे हैं” June 8, 2025
  • देहरादून में मंत्रिमण्डल उप-समिति की बैठक सम्पन्न June 7, 2025
  • मुख्यमंत्री ने किया करोड़ों की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास June 7, 2025
  • मजबूरी मौनता निष्क्रियता: सुप्रशासन का परिचय नहीं: DM June 7, 2025
  • मुख्यमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लिया June 7, 2025
  • अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं June 7, 2025
  • अग्रणी पंक्ति की ASHAs, ANMs    को प्रेरित रखना जिला प्रशासन का दायित्वःडीएम June 6, 2025
  • प्रकृति के संरक्षण का लें संकल्प June 6, 2025
  • राहू मंदिर परिसर में चलाया गया स्वच्छता अभियान June 6, 2025
  • “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत किया गया वृक्षारोपण June 5, 2025
  • यमकेश्वर में योगाभ्यास, ग्रामीणों ने लिया बढ़चढ़ कर हिस्सा June 5, 2025
  • स्वास्थ्य विभाग को मिले 220 नए चिकित्साधिकारी June 5, 2025
  • मुख्यमंत्री आवास में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान June 5, 2025
  • पर्यावरण की सुरक्षा, हमारी ज़िम्मेदारी: सीडीओ June 5, 2025
  • थानों तहसीलों पर जल्द लगेंगे, उच्च गुणवत्ता के सायरन June 5, 2025
  • स्वच्छता के साथ-साथ पौध रोपण अभियान June 4, 2025
© 2021 All Rights Reserved. Raath Samachar