प्रदेश भर में एम्बुलेंस दरें एकसमान करने को लेकर मंत्री गंभीर
पीपीपी मोड व चैरिटी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के उपयोग को लेकर निगरानी भी जरूरी◆
प्रदेश के अस्पतालों में मरीज को रेफेर करने की दशा में मुहैय्या कराई जाने वाली सरकारी एम्बुलेंस की दरें ओपीडी पर्चे की दर के आधार पर तय की जाती हैं, जबकि इस पर्ची की दर अलग अलग अस्पतालों में एकसमान नहीं है। ऐसे में पहाड़ के अस्पतालों से रेफेर होने वाले मरीजों को अधिक दरों पर एम्बुलेंस का भाड़ा देने को मजबूर होना पड़ता है।
बुधवार को देहरादून में मंत्री डॉ Dr Dhan Singh Rawat व विभागीय अधिकारियों के मध्य हुई बैठक के दौरान पलायन एक चिंतन समूह के सह संयोजक अनिल बहुगुणा द्वारा यह मसला माननीय मंत्री के संज्ञान में डाला गया, जिसे गंभीर तकनीकी खामी मानते हुए माननीय मंत्री द्वारा विभागीय सचिव पंकज पांडेय को इस मामले की तहकीकात करने का निर्देश दिया गया। डॉ धन सिंह ने एम्बुलेंस की दरों को प्रदेश भर के सभी अस्पतालों में परिवहन विभाग के शेड्यूल के मुताबिक निर्धारित करने की जरूरत बताई , यह भी कहा कि एम्बुलेंस के पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र में चली गयी दूरी के मुताबिक ही किराया तय किया जाए।
वहीं पलायन एक चिंतन के सह संयोजक बहुगुणा ने मंत्री से चैरिटेबल व पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पतालों द्वारा क्लेम किये जा रहे आयुष्मान कार्ड को लेकर निगरानी का सुझाव भी दिया गया। कुछ अस्पतालों द्वारा मात्र ओपीडी जांच की बुनियाद पर क्लेम लिए जाने की शिकायतें भी हैं।