आज सुबह पांच बजे 2600 मेट्रिक टन यूरिया खाद पहुँचा रुद्रपुर
सहकारी विभाग की शीर्ष संस्था उत्तराखंड सहकारी संघ, एआर कार्यालय उधमसिंहनगर, हरिद्वार, नैनीताल और देहरादून किसानों को टाइम पर यूरिया मिले इसके लिए सर्किय हो गया है।
उत्तराखंड सहकारी संघ की प्रबन्ध निदेशक रामिन्द्री मंद्रवाल ने कहा है कि, आज गुरुवार सुबह पांच बजे तड़के इफ्को द्वारा भेजी गई यूरिया खाद की रैक रुद्रपुर पहुँच गई थी। जिसमें 2600 मैट्रिक टन यानी 56 हज़ार प्रति बैग 45 किलोग्राम के हैं पहुँच गए हैं। यूसीएफ, और एआर कार्यालय के कर्मचारियों अधिकारियों के द्वारा यह यूरिया ट्रकों के माध्यम से गोदामों में पहुंचाई गई और गोदामों से यह एमपैक्स के जरिये किसानों को दी जा रही है
प्रबंध निदेशक मंद्रवाल ने बताया कि 26 सौ मेट्रिक टन यूरिया खाद 4 और 5 जुलाई को काशीपुर में आ गई थी जिसका वितरण किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से कर दिया गया था। तराई में यह दूसरी रैक आई है। 11 जुलाई को हरिद्वार में डीएपी 3700 मैट्रिक टन आ गई थी। उन्होंने कहा कि 2600 मैट्रिक टन यूरिया हरिद्वार में इसी माह 26 तारीख को आ जाएगी।
एमडी रामिन्द्री मंद्रवाल ने बताया कि, राज्य को इफ्को द्वारा 13000 मेट्रिक टन यूरिया आवंटित होना है।जिसमें जुलाई माह में 10500 मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त हो गया है। यूरिया की राज्य में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने बताया यूरिया प्राप्ति और वितरण के लिए सहकारिता के राजकीय पर्यवेक्षक स्तर तक के कर्मचारियों से हर दिन रिपोर्ट लेकर मॉनिटरिंग की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 11 जुलाई को सहकारिता मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने यूसीएफ की प्रबंध निदेशक को 15 – 15 दिन में यूरिया व डीएपी खाद के बुलेटिन जारी करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में एआर स्तर के अधिकारी सक्रीय हुए थे।
गौरतलब है कि राज्य में यूरिया खाद की डिमांड उत्तराखंड का कृषि विभाग इफ्को को देता है। इफ्को भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की एक शीर्ष संस्था है। इफ्को ही देश के राज्यों में भूगोल और कृषि के हिसाब से यूरिया खाद आवंटन का निर्धारण करता है। इफ्को की राज्य में यूसीएफ एक हैंडललिंग एजेंसी के रूप में कार्य करता रहा है। मसलन जब मालवाहक ट्रेन से यूरिया की रैक आएगी उसके बाद उत्तराखंड सहकारी संघ, जिला निबंधक कार्यालय और बहुद्देश्यीय सहकारी समितियों का किसानों को यूरिया खाद बांटने का काम होता है। यदि यूरिया रैक आया ही नहीं तो वह क्या बाटेंगे ?
इसके बावजूद भी निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड श्री आलोक कुमार पांडेय ने पिछले दिनों इफ्को को पत्र लिखा था कि उत्तराखंड राज्य का यूरिया खाद का कोटा बढ़ाया जाए और यूरिया समय पर मिले, ताकि सहकारी समितियां , किसानों को यूरिया टाइम पर बांट सकें।
यूरिया और डीएपी खाद का उधमसिंहनगर हरिद्वार के किसानों में ज्यादा डिमांड रहती है।
नैनीताल व देहरादून में भी इसकी मांग है पर्वतीय जनपदों में पूरे साल भर में 200 मेट्रिक टन से लेकर 800 मेट्रिक टन तक यूरिया की खपत होती है।
डीएपी खाद पौधों की जड़ों को मजबूत करता है और यूरिया खाद पौधों की बालियों को खिला देता है। तथा फसल के दानो में वृद्धि करता है। जिससे किसानों के चेहरों पर रौनक रहती है