देहरादून जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्कफोर्स समिति की बैठक जिलाधिकारी कैंप कार्यालय में आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। टास्कफोर्स से जुड़े सभी लोगों की भूमिका बच्चों के जीवन मे सुधार लाने की होनी चाहिए। पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास प्रशिक्षण से प्रशिक्षित होकर बच्चे व्यस्क होने पर आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
बैठक में जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को निर्देश दिए कि जनपद में बालश्रम एवं भिक्षावृति के विरूद्ध निरंतर अभियान चलाये। उन्होनंे निर्देश दिए कि जो बच्चे बालश्रम एवं भिक्षावृति में रेस्क्यू किये जाते है उनके लिए प्रौढ शिक्षा के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण देते हुए बच्चों तथा उनके अभिभावकों की काउंसलिंग भी की जाए। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू के दौरान ऐसे बच्चे जो अन्य राज्य से है उनके परिजनों से संपर्क करते हुए बच्चों को उनके घर भेजने की व्यवस्था बनाई जाए।
जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि संबंधित विभागों को सम्मिलित करते हुए एक ठोस एवं प्रभावी योजना बनाई जाए जिसमें रेस्क्यू किए गए बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास का प्रशिक्षण के साथ ही बच्चों की काउंसलिंग कराई जाए। ताकि वह व्यवसायिक/तकनीकि प्रशिक्षण प्राप्त करने पर अपना व अपने परिवार की जीविका चला सकें तथा गलत व्यसनों में न पड़े। इसके लिए उन्होंने पुलिस विभाग को भी प्रभावी भूमिका निभाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस कार्य में एनजीओ की भी सहायता लेने को कहा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, पुलिस क्षेत्राधिकारी नेहरू कालोनी अनिल कुमार, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष रश्मि कुलश्रेष्ठ, सहायक श्रमआयुक्त देहरादून सुरेश चन्द आर्य, ऋषिकेश के.के गुप्ता, सहायक निदेशक सूचना बद्री चन्द नेगी, समाज कल्याण अधिकारी गोवर्धन सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, श्रम विभाग से अनिल बड़ोनी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।