राज्य के हरिद्वार, देहरादून व पौड़ी जनपदों के गोवंशीय व महिषवंशीय पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज (LSD) का संक्रमण फैल रहा है। राज्य में लम्पी स्किन डिजीज (LSD) की रोकथाम हेतु विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत संक्रमित क्षेत्र के चारों ओर रिंग वैक्सीनेशन तथा अन्य राज्यों की सीमा से लगे हुए गाँवों में टीकाकरण अभियान चलाये जाने हेतु अभी तक एक लाख से अधिक वैक्सीन जनपद उधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी व टिहरी को उपलब्ध करायी जा चुकी है तथा अतिरिक्त वैक्सीन की व्यवस्था की जा रही है।
पर्वतीय क्षेत्रों में रोग के बचाव हेतु तलहटी के गाँवों में भी टीकाकरण किया जा रहा है। आज दिनांक 23.08.2022 तक 3822 पशुओं का इलाज किया जा चुका है। जिसमें 823 पशु पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गये हैं तथा 68 पशुओं की मृत्यु हुई है।
रोग की रोकथाम हेतु सभी जनपदों में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके है। जिसके अन्तर्गत संक्रमित पशुओं से स्वस्थ पशुओं को पृथक किये जाने के निर्देश दिये गये है। रोग के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य के बाहर से पशुओं का आयात न किया जाय, साथ ही राज्य के अन्दर पशुओं की आवाजाही हेतु क्षेत्रीय पशुचिकित्साधिकारी द्वारा निर्गत रोग से मुक्त स्वस्थता प्रमाण पत्र की अनिवार्यता आवश्यक की गई है।
स्वस्थ पशुओं को संक्रमण से बचाने हेतु पशु को स्वस्थ रखा जाना आवश्यक है तथा पशुओं के ऊर्जा स्तर को बनाये रखने के लिए मिनरल मिक्चर आदि का प्रयोग किया जाय। पशुओं के आस-पास साफ-सफाई रखी जानी आवश्यक है तथा स्थानीय निकाय के माध्यम से फोमिंग द्वारा मच्छर, मक्खी व जूं से बचाव किये जाने के उपाय करने आवश्यक है। मृत पशु को वैज्ञानिक रूप से गहरा दफन कर निस्तारित किया जाय जिससे रोग फैलने पर अंकुश लगाया जा सके। मृत पशु की खाद्य चारा व अन्य वस्तुएँ पशु के साथ ही निस्तारित की जानी आवश्यक है। यदि किसी पशु को तीव्र ज्वर, त्वचा पर गॉठे अथवा चेचक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल रोग की सूचना पशुपालन विभाग की किसी भी संस्था पर आवश्यक रूप से सूचित किया जाय ताकि रोग की रोकथाम हेतु समुचित उपाय किये जा सके।