जो गैरसैण की बात करेगा, वो उत्तराखंड पर राज करेगा
गैरसैण, यानी पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, उत्तराखंड राज्य आंदोलन और उस संघर्ष में प्राणों का उत्सर्ग करने वाले बलिदानियों का वह सपना जिसके लिए एक अपूर्व लड़ाई लड़ी गई। वह स्थान जिसका नाम आते ही एक पृथक और सुचितायुक्त प्रांत की परिकल्पना साकार होती है।
सही मायनों में देखा जाए तो राज्य बनने के बाद गुजरे दो दशकों में गैरसैण नाम की सार्थकता के लिए जो प्रयास हुए वह और किसी ने नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किए। उनके प्रयास वास्तव में इतिहास के पन्नों तक में भी स्वर्णिमता लिए हुए मिलेंगे।
आज जब उत्तराखंड का हित चाहने वाला यह नेता गैरसैण पहुचा तो वहां लोगों ने जिस उत्साह और गदगद भाव से उनका स्वागत किया उसके मायने और महत्व दोनों अन्य सभी से जुदा हैं।
गैरसैण को पहचान बनाने के साथ ही पहाड़ी प्रदेश का सपना साकार करने के प्रयास जो पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया वह अतुलनीय हैं।
ग्रीष्मकालीन राजधानी, पृथक कमिश्नरी, विकास हेतु 25 हजार करोड़ का आर्थिक पैकेज समेत राजधानी के अवस्थापना विकास के लिए पूर्व सीएम के प्रयास प्रसंशनीय तो हैं ही पहाड़ी प्रांत की प्रगति सूचक भी हैं।
गैरसैण से लेकर पूरे प्रदेश में आज आम जनमानस यही कह रहा है कि गैरसैण को प्राथमिकताओं में रखने वाला ही उत्तराखंड का सच्चा नायक है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र का यह दौरा वास्तव में चर्चा के योग्य है जिससे उस तरह के प्रयास फिर से किए जा सकें।