स्पेशल स्टोरीः कठूली की रामलीला में 69 वर्ष बाद हुआ एक खास बदलाव
विकास खंड खिर्स का कठूली गांव जहां अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है वहीं मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के प्रति अपार आस्था का भाव यहां के जन-जन और कण-कण की पृथक पहचान है। यहां रामलीला के आयोजन को सिर्फ मंचन भर नहीं माना जाता बल्कि एक आध्यात्मिक अनुष्ठान की तरह इस आयोजन के नियम कानून होते हैं। जिनका अनुपालन करने को यहां प्रत्येक गांववासी फर्ज नहीं जिम्मेदारी की तरह निभाते हैं।
बात दें कि तीन ग्राम पंचायतों वाले कठूली गांव की रामलीला यहां की एकता और अखण्डता का भी द्योतक है। 69वें वर्ष में प्रवेश कर रहे इस बार के रामयज्ञ में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि रामभक्त इस बार मर्यादा पुरूषोत्तम की लीला को दोपहर के उजाले में देख सकेंगे। 11 दिवस तक चलने वाला यह आयोजन पूर्व में रात को हुआ करता था। गत दिवस रामलीला कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
आयोजन समिति के मुताबिक आयोजन की शुरूआत हेतु विधि विधान के साथ हनुमान ध्वज स्थापित किया जा चुका है। साथ ही प्रकाण्ड पोथि वाचकों द्वारा रामयज्ञ की तिथि तय की गई है। 1 नवंबर 2022 से यहां रामयज्ञ का शुभारंभ हो जाएगा। इस पूर्व में कठूली गांव में रात में ही रामलीला का आयोजन किया जाता रहा है। उम्मीद करते हैं कि सात दशक पूर्ण करने की ओर बढ़ते इस सफर में हुए बदलाव के प्रयास प्रभु राम की कृपा से सार्थक होंगे।