पौड़ी वनाग्नि की रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान की अध्यक्षता में कलक्ट्रैट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विगत वर्षो में वनाग्नि के कारण जिन फायर फायटर्स की मृत्यु हुई है उनके नाम को यादगार बनाने के लिए लिए एक्शन प्लान तैयार करने, ब्रिटिश कालीन फायर लाईन को लताशने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है।
बुधवार को आयोजित वनाग्नि रोकथाम की बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि आगामी फायर सीजन में वनाग्नि की घटनाओं को कम करने के लिए मिशन मोड पर कार्य करने की आवश्यकता है। कहा कि वन्य जीव-जन्तु व वनस्पतियों की सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्य में अधिकारियों की सक्रियता के साथ-साथ जन-सहभागिता भी आवश्यक है। जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को फायर लाईन निर्माण को लेकर निर्धारित विगत वर्ष के लक्ष्य में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करना सुनिश्चित करें। उन्होने वन विभाग, पुलिस महकमे व आपदा कन्ट्रोल रुम में आपसी समन्वय को बेहतर करने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये हैं। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी फायर सीजन में जीरो कैजुअल्टी के साथ आग लगने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करें।
जिलाधिकारी उप-जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे वनाग्नि की रोकथाम को लेकर आगामी एक सप्ताह के भीतर ब्लॉक स्तर पर बैठकों का आयोजन करना सुनिश्चित करें। उन्होने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जनपद क्षेत्रातर्गत समृद्ध जैव विविधता वाले क्षेत्रों का चयन करना सुनिश्चित करें ताकि इन क्षेत्रों आग से बचाने के लिए ठोस रुपरेखा तैयार की जा सके। साथ ही वनाग्नि की रोकथाम के लिए संवेदनशील स्थलों की सूची तैयार करने, प्रयाप्त मेन पावर की सूची व संसाधनों की स्थिति सम्बन्धी सूची को अद्यतन रखने के निर्देश दिये हैं। वहीं वनाग्नि की रोकथाम को लेकर विद्यालयों में जागरुकता कार्यक्रमों के अयोजन हेतु मुख्य शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया है।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डेय, डीएफओं पौड़ी वन प्रभाग मुकेश कुमार, उपजिलाधिकारी सतपुली संदीप कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेन्द्र चौधरी, एसडीओ वन विभाग सुधीर, रेंजर ललित मोहन नेगी सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।