प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री/जनपद प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल ने विकास भवन सभागार में जिला योजना एवं विकास कार्यो व खनन न्यास की समीक्षा बैठक ली। प्रदेश के उच्च शिक्षा, सहकारिता, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, प्रोटोकॉल, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी प्रतिभाग किया। समीक्षा बैठक के दौरान सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पारदर्शिता के साथ निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए आवंटित धनराशि को 100 प्रतिशत खर्च करना सुनिश्चित करें। कहा कि उद्यान, कृषि एवं पशुपालन पहाड़ी कृषक की सबसे बेहतर आर्थिकीय जरिया है, इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को जोड़कर कार्य करने की जरूरत है। जिससे फसल के साथ साथ आजीविका के लिए अच्छी आमदनी हो। उन्होने रेखीय विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी को समझते हुए बेहतर कार्य करने के निर्देश दिये। साथ ही आई एएम व्लेज योजना के तहत एक ही प्रकार की फसल, पशुपालन अथवा अन्य कार्य को बढ़ावा देने को कहा जिससे वृहद स्तर पर उत्पादन को गति मिल सकें। साथ ही विधायक निधि एवं जिला योजना के अन्तर्गत टेण्डर के सापेक्ष अवशेष धनराशि की जानकारी को लेकर जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए, कहा कि गत वर्ष में कितने कार्य हुए, कितने पेंडिंग है और उनके सापेक्ष शेष धनराशि का क्या उपयोग में लाया जाय।
जनपद प्रभारी में मंत्री श्री उनियाल ने कहा कि पॉलीहाउस को कलस्टर रूप में विकसित करें। इस पर जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने कहा कि हर ब्लॉक में एक गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने की योजना है, जिसमें 20 से अधिक पॉलीहाउस लगाये जायेंगे। इस पर मा. मंत्री ने कहा कि योजना को फलीभूत करते हुए इसको ‘पॉलीहाउस किसान गांव‘ का नाम दें। कहा कि जिला योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में किये जा रहे विकास कार्यों को मनरेगा के तहत जोड़कर भी पूर्ण कर सकते हैं। उन्होंने कृषि, उद्यान, पशुपालन, मस्त्य, डेरी विकास आदि विभागों में स्वरोजगार को लेकर किये जा रहे कार्यों की प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कृषकों के स्थानीय सामाग्री के विक्रय हेतु सम्भावित स्थानों को चिन्ह्ति कर स्टॉल लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने पशुपालन अधिकारी को निर्देशित किया कि गांवों में अधिक से अधिक पशु मेले लगायें तथा किसान एक समय में एक ही सेक्टर में काम करें। कहा कि किसानों को मौसम के अनुरूप गाय की नस्ल का चुनाव करने को कहें, ताकि उनकी आमदनी अच्छी और आर्थिकी भी मजबूत हो सके।
मा. मंत्री श्री उनियाल ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कार्यों की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए शत प्रतिशत धनराशि व्यय करना सुनिश्चित करें। कहा कि जिला योजना के अन्तर्गत प्रारम्भिक सेक्टर पर फोकस करना है, क्योंकि उत्तराखंड में लगभग 70 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं, इसलिए कृषि, पशुपालन, मत्स्य, डेरी, उद्यान को मजबूत करने का प्रयास किया जायेगा। इन सेक्टरों में नकदी फसलों के माध्यम से अधिक से अधिक स्वरोजगार की सम्भावनाओं को तलाशना है। कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल और नल में जल पहुंचाने हेतु पहले चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा द्वितीय चरण में कार्य चल रहा है। उन्होने पर्यटन, जिला पूर्ति, डेरी विकास, लोनिवि, जल संस्थान, सिचाई, उद्योग सहित अन्य विभागों के विकास कार्यो की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि आधुनिकता के हिसाब से अपने विभाग में परिवर्तन लाये। अभिनव कार्य कर लोगों में स्वरोजगार को बढ़ावा दें। अपना अनुभव का फायदा लोगों को देना चाहिए। उन्होने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की जानकारी लेते हुए जनपद के अच्छा प्रदर्शन पर बधाई दी। कहा कि इसी तरह कार्य जारी रखें। इसके उपरांत उन्होने खनन न्यास की बैठक लेते हुए विकास कार्यो की समीक्षा की। जिलाधिकारी को नवीन कार्य हेतु धनराशि की सहमति दी।