मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में सहकारिता विभाग के तहत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के माध्यम से प्रदेश के गरीब तबके की आर्थिकी को बढ़ाया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को पैक्स के कम्प्यूटराइजेशन कार्य को शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जनपद की सभी पैक्स का निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिला स्तरीय निगरानी एवं कार्यान्वयन समितियों के अंतर्गत पैक्स की समीक्षा किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पैक्स को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराकर छोटे किसान, गरीब मजदूरों आदि को सीधे लाभ प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गैस वितरण एजेंसियों और पेट्रोल पम्पों आदि आबंटन में पैक्स को वरीयता दी जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को इसके लिए पैक्स द्वारा निर्धारित तिथि तक आवेदन कराये जाने के निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने तिब्बती पुनर्वास नीति के संबंध में बैठक के दौरान राज्य सरकार के सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर तिब्बती पुनर्वास नीति पर अपनी आख्या अथवा अनापत्ति प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को तिब्बती पुनर्वास नीति को प्रख्यापित करने के निर्देश दिए गए हैं। भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य में निवास कर रहे तिब्बती नागरिकों को मिल सके इसके लिए तिब्बती पुनर्वास नीति को प्रख्यापित किया जाना आवश्यक है। बैठक के दौरान उत्तराखण्ड में निवासरत तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने शासन को जन्म प्रमाण पत्र बनने में आ रही दिक्कतें, भूमि स्वामित्व विवाद, आवास, सड़क, पेयजल का ना मिलना जैसी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने राज्य में तिब्बती संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन से सहायता की अपेक्षा की है।
बैठक में विशेष सचिव गृह विभाग सुश्री रिद्धिम अग्रवाल, सुश्री निवेदिता कुकरेती, निदेशक संस्कृति सुश्री बीना भट्ट, सिटी मजिस्ट्रेट देहरादून श्री प्रत्यूष सिंह, अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सेन्ट्रल तिब्बतन वेलफेयर ऐसोसिएशन के पदाधिकारी एवं देहरादून में निवासरत तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।