विधान सभा बैकडोर भर्तियों के मामले में नया मोड़
कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दनौसी ने कहा कि ईमानदार कहलाए जाने वाले पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी समेत कई बड़े नेताओं के करीबियों को भी विधानसभा में बैकडोर नौकरी दी गई। दसोनी ने कहा की दो विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय प्रकाश पंत एवं स्वर्गीय हरबंस कपूर हमारे बीच में नहीं रहे, परंतु 2007 से 2012 के बीच भी विधानसभा नियुक्तियों में बड़ा खेल हुआ है ।
कहा कि स्वयं जनरल बीसी खंडूरी के बहुत ही खासम खास सिपहसालार रहे तत्कालीन पर्यटन सलाहकार प्रकाश सुमन ध्यानी की सुपुत्री की विधानसभा में नियुक्ति एवं जनरल खंडूरी के ही बहुत ही नजदीकी रहे महेश्वर बहुगुणा के सुपुत्र की नियुक्ति विधानसभा में उनके सीएम रहते हुई।
देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा की पत्नी की नियुक्ति, काबीना मंत्री सुबोध उनियाल के साले की नियुक्ति और भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के भाई की नियुक्ति भी खंडूरी जी के ही कार्यकाल में हुई जो कि संदेह के घेरे में है।
दसोनी ने कहा कि विपक्ष की बात को नकारात्मक या महज विरोध ना समझा जाए बल्कि इसे एक सुझावात्मक, सकारात्मक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है।
दसोनी ने कहा कि यदि जांच होनी है तो उत्तराखंड के गठन से लेकर आज तक की होनी चाहिए। 2012 से लेकर आज तक की जांच का कोई औचित्य समझ में नहीं आता।
दसोनी ने कहा वैसे भी जब उत्तराखंड विधानसभा में मात्र साढ़े पांच सौ कर्मी हैं तो जो 3 सदस्यों की समिति गठित की है उन्हें इन सभी कर्मियों की जांच पड़ताल करने में ज्यादा वक्त नहीं लगना चाहिए।