त्रिस्तरीय स्वास्थ्य ढांचे से कवर होगी चारधाम यात्राः डॉ. धन सिंह रावत
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में स्थापित होगी कैथ लैब व ट्रामा सेंटर
चारधाम यात्रा में चिकित्सकों के साथ ही मेडिकल के पीजी छात्र भी होंगे तैनात
देहरादून,
देशभर से चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिये राज्य सरकार इस बार विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने जा रही है। नई व्यवस्था के तहत यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को त्रिस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी, जिसके तहत यात्रा मार्गों पर 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के साथ ही एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस (ए.एल.एस.) एवं कार्डिक एम्बुलेंस सेवा भी उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा एम्स ऋषिकेश के सहयोग से राज्य का स्वास्थ्य विभाग आपातकाल में एयर एम्बुलेंस सेवा के साथ ही जीवनरक्षक दवाईयां पहुंचाने के लिये ड्रोन सेवा मुहैया करायेगा।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में चार धाम यात्रा को लेकर आयोजित बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। जिसमें चार धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। जिसके अधिकतर बिन्दुओं पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से सहमती देते हुये शीघ्र डीपीआर उपलब्ध कराने को कहा गया। जिसके क्रम में राज्य स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर डीपीआर तैयार कर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं। डॉ. रावत ने बताया कि चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुये इस बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष तैयारी की जा रही है जिसके तहत चार धाम यात्रा मार्गों पर 108 आपातकालीन सेवा, एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के साथ ही कार्डिक एम्बुलेंस सेवा की त्रिस्तरीय व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ-साथ प्रदेश एवं प्रदेश से बाहर के मेडिकल के पीजी छात्रों को भी आवश्यकतानुसार चार धाम यात्रा में तैनात किया जायेगा। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर यात्रा काल के लिये मेडिकल, पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टॉफ की अतिरिक्त तैनाती भी यात्रा मार्गों पर की जायेगी। बैठक में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को बेस मानते हुये यहां पर कैथ लैब एवं ट्रामा सेंटर स्थापित करने पर भी सहमति बनी। इसके अलावा एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज एवं श्रीनगर मेडिल कॉलेज आपसी समन्वय बनाते हुये आपातकालीन स्थिति में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एयर एम्बुलेंस सेवा एवं दवाईयां आदि उपलब्ध कराने के लिये ड्रोन की सेवाएं उपलब्ध करायेंगे। डा. रावत ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य सरकार को चार धाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूत करने के लिये पर्याप्त धन राशि स्वीकृत करने का आश्वासन दिया।
बैठक में स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, सीएमओ चमोली डा. राजीव शर्मा, सीएमओ रूद्रप्रयाग डा. एच.सी.एस. मार्तोलिया, सीएमओ उत्तरकाशी डा. आर.सी.एस.पंवार सहित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम्स डेवलपमेंट परियोजना के अधिकारी उपस्थित रहे।
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चार चिकित्सालयों का होगा उच्चीकरण
चार धाम यात्रियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिये राज्य सरकार ने जनपद उत्तरकाशी के दो तथा चमोली व रूद्रप्रयाग के एक-एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का उच्चीकरण कर उप जिला चिकित्सालय बनाने का निर्णय लिया है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि जनपद उत्तरकाशी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़कोट एवं भटवाडी, जनपद रूद्रप्रयाग में ऊखीमठ तथा जनपद चमोली में जोशीमठ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को उच्चीकृत किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों में चार धाम यात्रा के दृष्टिगत विशेषज्ञ चिकित्सकों कार्डियोलॉजिस्ट, आर्थोपेडिशियन, फिजिशयन सहित फार्मासिस्ट एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी।
पैदल यात्रा मार्गों पर बनेंगे मेडिकल रिलीफ प्वाइंट
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि यमुनोत्री, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब व मानसरोवर की पैदल यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिये प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट (एमआरपी) स्थापित किये जायेंगे। जिनका निर्माण इस तरह से किया जायेगा कि वह भारी बर्फबारी व बरसात में भी मजबूती के साथ स्थापित रह सके। इन स्थानों पर यात्रा काल के दौरान चिकित्सकों के साथ ही फार्मासिस्ट व पैरामेडिकल स्टॉफ भी तैनात रहेगा। जिनके पास ईसीजी मशीन, पोर्टेबल आक्टसीजन सिलेंडर के साथ जरूरी जीवनरक्षक दवाईयां उपलब्ध रहेंगी।