मुख्यमंत्री ने दुग्ध संघों के निर्वाचित पदाधिकारियों को दिलाई शपथ।
दुग्ध उत्पादन में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाना हमारा लक्ष्य।
नव नियुक्त पदाधिकारी दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही पशुपालकों की समृद्धि का लें संकल्प – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में 7 जनपदों अल्मोडा, चम्पावत, पिथौरागढ, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, चमोली एवं पौड़ी के दुग्ध उत्पादन समिति के नवनियुक्त पदाधिकारियों को शपथ दिलाई। उन्होंने सभी को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि सभी पदाधिकारी मिलकर उत्तराखंड में न सिर्फ दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे बल्कि हमारे प्रदेश के गांवों में रहने वाले किसानों और दुग्ध उत्पादकों की समृद्धि भी सुनिश्चित करेंगे। इस अवसर पर पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और पशुपालकों की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिये संकल्पित हैं। उनके कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी किसानों और पशुपालकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों से दूध खरीदने, गोवर्धन योजना के तहत गोबर की खरीद करने अथवा पशुपालन से जुड़े नवाचार को सुदूर अंतिम छोर पर रहने वाले किसानों एवं पशुपालकों तक पहुंचाने का कार्य हो, उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन द्वारा इसमें सराहनीय प्रयास किये जा रहे है। इसी का प्रतिफल है कि उत्तराखंड दुग्ध उत्पादन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह हमारे किसानों को समृद्ध, सशक्त और आत्म निभगर बनाने को भी सार्थक प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे मेहनती पशुपालकों एवं किसानों की मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि प्रदेश में जहां वर्ष 2020-21 में रोजाना लगभग एक लाख नब्बे हजार लीटर दूध का उत्पादन होता था, वहीं वर्ष 2023-24 में रोजाना लगभग दो लाख अट्ठारह हजार लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन हो रहा है यह एक सकारात्मक बढ़ोत्तरी है। अब यदि अगर हम नए नजरिए से नवाचारों पर काम करें तो इस बढ़ोत्तरी के रेशियो को और भी अधिक बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में नैनीताल जिला सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन कर रहा है अब इस पर भी शोध होना चाहिए कि आखिर नैनीताल के किसान और दुग्ध उत्पादक ऐसा क्या कर रहे हैं जिससे उनका उत्पादन अधिक है। वो किस नस्ल की गाय भैंस पाल रहे हैं, उन्हें किस तरह का चारा दे रहे हैं और किस माहौल में रख रहे हैं, उसे समझ कर अगर उसे अन्य जिलों, जहां की दुग्ध उत्पादन क्षमता कम है वहां के किसानों को भी समझाया जाए तो निश्चित तौर पर वहां भी दुग्ध उत्पादन में वृद्धि देखने को मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे चिन्तन में सदैव किसान एवं पशुपालक आदि रहे है। दुग्ध उत्पादन में हमें अग्रणी राज्य बनाना है। इसके लिए हम सबको प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड हम सबका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है हम इस दिशा में प्रयासरत रहते हुए सशक्त उत्तराखण्ड का संदेश देश व दुनिया तक पहुंचाने के लिये प्रयत्नशील है। इस दिशा में देवभूमि के स्वरूप को बनाये रखने के लिये प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू की गई है। यही नहीं सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध सख्त कार्यवाही का संदेश भी दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको अपने सामूहिक प्रयासों से विकास के मानदण्डों पर चलकर हर चुनौती का समाना कर आगे बढना है, तभी हम अपने संकल्पों को सिद्धि में बदलने में भी सफल होंगे। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि हम सबके विचारों से मिलने वाला अमृत निश्चित रूप से राज्य के साथ सभी के लिये कल्याणकारी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रदेश में पशुपालकों एवं पशुओं की दोनों की बेहतरी की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी नवनियुक्त पदाधिकारी आगे भी प्रदेश के पशुपालकों की समृद्धि सुनिश्चित करते हुए प्रदेश की समृद्धि हेतु संकल्पित होकर मजबूती से काम करते रहेंगे।
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इस अवसर पर पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिये उन्हें दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की पेंडेंसी के प्रकरण को सुलझाने के साथ ही उन्हें एडवांस धनराशि भी दी है। उन्होंने कहा कि पहले दूध के मूल्य में औसत वृद्धि सवा रुपये होती थी लेकिन अब मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पशुपालकों को फायदा पहुंचाने के लिये उसमें 8 से 10 रुपये की वृद्धि की गयी। प्रदेश में पहली बार 50 प्रतिशत की सब्सिडी भूसे पर दी गयी। साइलेज के लिये भी सब्सिडी 25 प्रतिशत बढ़ाकर कुल 75 प्रतिशत की गई जो कि डीबीटी के माध्यम से शीघ्र मिल जाती है।
इस अवसर पर यूसीडीएफ के प्रशासक श्री मुकेश बोरा ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों के साथ अन्य जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।