मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादकों को वितरित की 22 करोड़ की धनराशि
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को जवाहर नवोदय विद्यलाय रूद्रपुर में डेयरी विकास विभाग द्वारा आयोजित दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि भुगतान कार्यक्रम में डीबीटी के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों को 22 करोड़ की धनराशि वितरित की। कार्यक्रम में 13 जनपदों के 26 सर्व श्रेष्ठ दुग्ध उत्पादकों को पपुरस्कृत किया गया। जिसमे जनपद नैनीताल के सर्वश्रेष्ठ दुग्ध उत्पादकों मे गंगा देवी को प्रथम, जनपद ऊधम सिंह नगर के गुरू उपदेश देव को द्वितीय व श्रीमती हरपाल कौर को तृतीय पुरस्कार दिया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के दुग्ध उत्पादक सदस्यों को 03 एवं 05 दुधारू पशुओं की इकाई स्थापना के लिये 25 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। आगामी 05 वर्षों 5300 लाभार्थियों को लाभान्वित करते हुए लगभग 20 हजार दुधारू पशु क्रय कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके सापेक्ष वर्तमान तक 600 लाभार्थियों को लाभान्वित कर लगभग 2100 दुधारू पशु क्रय कराये जा चुके है इससे जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराकर दुग्ध उत्पादकों की आर्थिकी में वृद्धि हो रही है, साथ ही प्रदेश के दुध उपार्जन में भी लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लघु, सीमान्त भूमिहीन व निर्बल वर्ग कृषकों व दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध सहकारिता के माध्यम से उनके द्वारा उत्पादित दूध की उचित कीमत दिलाते हुए उन्हें अतिरिक्त आय के साधन उपलब्ध कराने तथा ग्राम स्तर पर स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराने में डेरी विकास विभाग महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। विभाग के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों को ग्राम स्तर पर तकनीकी निवेश सुविधाएं यथा रियायती दर पर संतुलित पशुआहार, पशु स्वास्थ सेवाऐं, चारा विकास व प्रशिक्षण तथा दुधारू पशु क्रयार्थ ऋण व अनुदान आदि की सुविधाऐं प्रदान की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भोगोलिक परिस्थितियां अलग है, पहाड़ी क्षेत्रों में पानी की वजह से बहुत समस्या होती है। उन्होंने कहा कि जो भी सिंचाई योजनाएं बनेंगी कृषि विभाग से समन्वय कर सिंचाई योजनाऐं बनाई जायेगी। जल मिलेगा तो बहुत सारी चीजें अपने आप मिल जायेगी।
उन्होंने कहा कि जिन किसान भाईयों के पास कृषि उपकरण नहीं है, उनके लिए फार्म मशीनरी बैंक योजना शुरू की है, जिसमें 80 प्रतिशत अनुदान तक की सुविधा प्रदान की गई है। हमारी सरकार पूरी ईमानदारी व पूरी शक्ति से पशुपालकों एवं किसानों के साथ साझेदार एवं सहयोगी के रूप में खड़ी हैं। प्रदेश के अन्दर सहकारी दुग्ध संघ एवं डेयरी प्लांट सरकार और सहकार भागीदार का प्रमाण है। दुग्ध समितियां बनाकर, कलेक्शन सेंटर बनाकर दूध के खराब होने की चिन्ता से मुक्ति दिलानें का कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए उच्च गुणवत्ता का आहार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। 60 पशुपालक एम्बुलेंस भी अगस्त माह में शुरू की जायेगी, जो घर-घर जाकर डिलीवरी देने का काम करेंगी। उन्होंने कहा कि लालकुआ दुग्ध समिति के लिए 64 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है और जल्दी ही एक्सटेंशन का काम शुरू होगा, 7 करोड़ की रूपये की राशि चम्पावत डेयरी के लिए स्वीकृत किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं का आहवान करते हुए कहा कि स्टार्टअप के माध्यम से अनेकों संभावनाओं पर कार्य किया जा सकता है, जो लोग नेचुरल फार्मिंग के अनेकों संभावनाओं पर कार्य किया जा सकता है। आज हिन्दुस्तान के अन्दर युवा अच्छा कार्य कर रहे है। हमारे यहा 700 स्टार्टअप चल रहे हैं, उन्होंने युवाओं से स्टार्टअप योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना का लाभ भी सभी किसान भाईयों को मिल रहा है। इसी के साथ साथ गरीब, वंचित, पिछड़ों को विशेषकर गॉव के लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को बैंको के ऋण प्राप्त करने में परेशानी न हो यह देखा जाय। सभी की सुविधा, जीवन स्तर उठाने, किसानों की आय दौगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प एवं स्वप्न को उत्तराखण्ड में पूरा करने की दिशा में काम किया जा रहा है।