दिवसीय कार्यशाला में विकास कार्यों और योजनाओं पर हुआ ‘मंथन’’
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के चौरास परिसर स्थति स्वामी मनमथन प्रेक्षागृह में पंचायतीराज विभाग उत्तराखंड की ओर से सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण व ग्राम पंचायत विकास योजना विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन हो गया है।
कार्यशाला में गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, चमोली तथा रूद्रप्रयाग जिलों के पंचायत प्रतिनिधियों तथा कार्मिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम के समापन दिवस पर पूर्व संयुक्त निदेशक पंचायतीराज निदेशालय डीपी देवराड़ी ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों व कार्मिकों ने आर्थिकी विकास की नीति को विस्तार से समझाते हुये सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को सतत विकास की राह पर लाने का सूत्र साझा किया। उन्होंने लोक कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष बल देते हुये कहा कि क्षेत्रों में जिन स्थानों में विकास कार्य अधूरा पड़ा है उसे विकसित करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को कहा कि क्षेत्र की जरूरतों को समझते हुए प्राथमकिता को समझते हुये योजनाओं पर काम करें। उन्होंने क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत स्तर पर विकास की रूपरेखा तैयार करने की बात कही।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि प्रो. महावीर सिंह नेगी ने कहा कि ग्राम पंचायत क्षेत्रों के विकास के लिए इस बात पर जोर दिया कि समग्र विकास के लिए आवश्यक है कि पंचायत समितियां ससक्त बनें। साथ ही उन्होंने कहा कि नयिमति बैठकें होनी चाहिये तथा पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय को बढ़ाने का भी उन्होंने बात कही।
अध्यक्ष जिला पंचायत रूद्रप्रयाग अमरदेई शाह ने कहा कि ग्राम पंचायत ईकाई की मजबूती ही सतत विकास की पहली शर्त है। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले विकास कार्य की आर्थिक सीमा को विस्तार देने की बात कही। देवाल के प्रमुख क्षेत्र पंचायत दर्शन सिंह दानू ने कहा कि उत्तराखंड के विकास के लएि आवश्यक है कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों व कार्मिकों में सामंजस्य स्थापित करते हुये विकास योजनाओं पर कार्य करने की बात कही।
कार्यक्रम का समापन करते हुये संयुक्त निदेशक पंचायतीराज निदेशालय राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी ने कहा कि वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए निदेशालय एक पोर्टल का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कामगारों की उपलब्धता को भी सुनश्चिति करने वाले ऑनलाइन पोर्टल पर कार्य करने की बात भी कही। उन्होंने बताया कि मार्च 2023 तक निदेशालय के इस पोर्टल के माध्यम से कामगारों की उपलब्धता की वस्तिार से जानकारी दी जाएगी। उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों कार्मिकों का इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाने पर धन्यवाद ज्ञापित किया।
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