मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि विभिन्न संस्थानों के विषय विशेषज्ञों के द्वारा विज्ञान और तकनीक की मदद से क्षेत्र विशेष की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं विकसित की जाएं तभी हम विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं। चम्पावत जनपद में किसानों के द्वारा मुख्य रूप से दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, औषधीय एवं सुगंधीत पौधो की खेती फल उत्पादन एवं प्रसंस्करण, मधु उत्पादन एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य करके अपनी आजीविका अर्जित कर रहे है इसे आगे बढ़ाया जाय। उन्होंने कहा कि चंपावत जिला नदियों,वनों धार्मिक स्थलों व प्राकृतिक रूप से आच्छादित है यहां जो अनेक संभावनाएं हैं उसे सजोते हुए एक मॉडल के रूप में उन्हें विकसित किया जाय। यह जिला मॉडल जिला बने इस हेतु सभी संस्थान मिलकर कार्य करें। जिले के माँ पूर्णागिरि धाम में लाखों दर्शनार्थी/धार्मिक पर्यटक आते हैं उन्हें 4 या 5 दिन तक जिले के अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों तक लाने हेतु जिलाधिकारी चंपावत द्वारा जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उस पर कार्य किया जाय
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। इसी परिकल्पना को पूर्ण करने एवं सभी हिमालयी राज्यों के समक्ष उत्तराखण्ड को एक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए उत्तराखण्ड @ 25 हम जनपद चंपावत को एक मॉडल जिला बनाने में सफल होंगे। यह योजना लक्ष्य तक पंहुचे हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर और आदर्श उत्तराखण्ड का निर्माण तभी संभव है, जब राज्य का हर जनपद हर गांव आदर्श होगा।
आदर्श चम्पावत, उत्तराखण्ड @ 25 के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में आदर्श चम्पावत हेतु नोडल एजेंसी उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के साथ विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के संस्थान, एजेंसियों व रेखीय विभागों के अधिकारियों व वैज्ञानिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास का हमारा सपना विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस दौर में शोध, अनुसन्धान और नवाचार के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद इस अति महत्वपूर्ण कार्य में नोडल एजेंसी की भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि जब भी कोई नीति बनायें उसमें पूरे समाज और हर विभाग के हर वर्ग के विचारों और आवश्यकताओं का समावेश हो, क्योंकि हमें अपने में परिपूर्ण, उत्तम मॉडल विकसित करना है जिसे अन्य हिमालयी राज्य भी भविष्य में अंगीकार करें और खुशी खुशी अपनाएं। यहाँ विकसित विकास मॉडल उत्तराखंड समेत अन्य हिमालयी राज्यों का भी प्रतिनिधित्व करेगा और इसे राज्य के अन्य जिलों में भी दोहराया जायेगा।
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