‘सरकार की ध्वजवाहक योजनाओं और कार्यक्रमों का जनमानस को समुचित लाभ दें।‘‘
‘‘आवारा पशुओं पर लगाम लगायें- पशुधन ऑनर, गौशाला संचालक और स्थानीय निकाय की जिमेदारी
तय की जाय।‘‘
‘‘बच्चों के मीड-डे मील की गुणवत्ता सुधारें-पोषण बढ़ाने के लिए अगर सुधार की गुंजाइश हो तो
सिफारिश-प्रस्ताव दें।‘‘
सशक्त उत्तराखण्ड @25 के दृष्टिगत District as a Fulcrum Development की अवधारणा को प्रभावी बनाये जाने हेतु जनपद के विकास कार्यों के संबंध में सचिव उत्तराखण्ड शासन विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में कलेक्टेªट सभागार में विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में सचिव ने जनपद में किये जा रहे विकास कार्यों, निर्माण कार्यों, केन्द्र पोषित राज्य पोषित एवं बाह्य पोषित योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन, उनकी प्रगति और जनमानस को मिल रहे लाभ के बारे में जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि आगामी आदर्श आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्यों को तथा उसकी समस्त औपचारिकताओं को समय से पूर्ण करें तथा विकास कार्यों की गति में तेजी लायें। उन्होंने सभी निर्माणदायी विभागों और संस्थाओं को निर्माण कार्यों से संबंधित डीपीआर निर्माण, टेण्डरिंग प्रक्रिया इत्यादि को समय से पूर्ण करनें को कहा। सड़कों पर आवारा पशुधन पर नियंत्रण लगाने के लिए उन्होंने संबंधित पशुपालक, नगर निगम, गौशाला संचालकों और पशुपालन विभाग को निर्देशित किया कि संयुक्त प्रयासों से आवारा पशुधन पर पूरी तरह लगाम लगाये।
सचिव ने विद्यालयों में बच्चों के मिड-डे मील की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सभी अधिकारियों को समय-समय पर विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण करने तथा बनाये गये भोजन की गुणवत्ता चैक करने के निर्देश दिये साथ ही कहा कि भोजन की गुणवत्ता में यदि सुधार किया जाना अपेक्षित हो तो तद्नुसार सिफाशि करें। उन्होंने सरकार की ध्वज वाहक योजनाओं का सामान्य जनमानस को समुचित लाभ प्रदान करने के निर्देश दिये। उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग को पात्र लोगों को खाद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति बनाये रखने तथा ऐसे सम्पन्न लोग जो राशन कार्ड के पात्र नही हैं फिर भी यदि उनके राशन कार्ड बने हुए हैं तो उनका बारीकी से भौतिक सत्यापन करते हुए कार्ड निरस्त करें तथा अन्य पात्र व्यक्ति को उस कार्ड का नम्बर हस्तांतरित करें।
सचिव ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभाग डीपीआर बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मात्र इन्फ्रास्ट्राक्चर (ढ़ांचा) खड़ा करने में धनराशि खर्च न की जाय बल्कि ये देखा कि उस प्रस्ताव से वास्तव में कितनी आबादी को और स्थानीय स्तर पर कितना आउटकम प्राप्त हो रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव बनायें।