-प्रशिक्षुओं ने 05 दिवसीय बर्ड वाचिंग में 50 से अधिक पक्षियों की पहचान की।
-बर्ड वाचिंग के समापन अवसर पर जिलाधिकारी ने प्रशिक्षुओं को पक्षियों तथा वनस्पति की जानकारी दी।
पर्यटन विभाग के तत्वाधान में पांच दिवसीय बर्ड वाचिंग के समापन अवसर पर जिलाधिकारी डा.विजय कुमार जोगदण्डे ने बर्ड वाचिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षकों व प्रशिक्षुओं के साथ बुआखाल से झंडीधार तक 14 किलोमीटर तक ट्रेकिंग की। इस दौरान 05 दिवसीय प्रशिक्षण में लगभग 50 से अधिक विभिन्न प्रजाति की पक्षियां दूरबीन के माध्यम से प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षुकों को दिखायी गइ। जिनकी पहचान कर विस्तार से जानकारी भी दी गई। जिलाधिकारी ने प्रशिक्षुओं को पक्षियों तथा जंगलों में पाई जाने वाली विभिन्न जड़ी-बूटी की जानकारी दी। कहा कि ये जड़ी-बूटी आपके अध्ययन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से इन जड़ी बूटियों का अध्ययन करने को कहा। जिससे भविष्य में यहां पर आने वाले पर्यटकों को विभिन्न पक्षियों की प्रजाति की जानकारी के साथ ही इन जड़ी बूटियों की भी जानकारी दी जा सके।
जिलाधिकारी ने 14 किमी ट्रैकिंग करते हुए प्रशिक्षुकों को पक्षियों तथा जंगल में पाये जाने वाली जड़ी-बूटीयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बर्ड वाचिंग व इन जड़ी बूटियों की जानकारी होने से प्रशिक्षुओं व स्थानीय लोगों को भी रोजगार के साधन मिल सकेगा। उन्होंने प्रशिक्षुकों को कहा कि जिन पक्षियों की पहचान की जा रही है उनकी एक डॉक्यूमेंट्री बनाए तथा लोगों को उसकी जानकारी दें। जिससे अन्य लोग भी इन पक्षियों की जानकारी लेने के प्रति इच्छुक हो सकेंगे। कहा कि पहाड़ी जंगलों में शहरों से अलग पक्षी देखने को मिलते है। बर्ड वाचिंग का शौक रखने वाले पर्यटकों को इसकी जानकारी होने से यहां पर पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इसके अलावा प्रशिक्षुकों ने 05 दिवसीय प्रशिक्षण में विभिन्न प्रजाति के पक्षियों के रहन-सहन व उनके विभिन्न क्रियाकलापों की जानकारी हांसिल कर जिलाधिकारी के सम्मुख रखी। 05 दिवसीय प्रशिक्षण में कुल 16 प्रशिक्षुकों ने हिस्सा लिया। समापन अवसर पर बर्ड वाचिंग प्रशिक्षकों तथा प्रशिक्षुओं को जिलाधिकारी ने प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया।
जिलाधिकारी ने पर्यटन अधिकारी को निर्देशित किया कि जिन पक्षियों की पहचान की जा रही है उनकी जानकारी बोर्ड के माध्यम से पर्यटक स्थलों व अन्य स्थानों पर अंकित करें। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों व स्थानीय लोगों को यहां पर पाई जाने वाली पक्षियों की जानकारी आसानी से मिल सके। साथ ही उन्होंने समय-समय पर पर्यटन से जुडी हुई इस तरह की गतिविधियों को करने के निर्देश पर्यटन अधिकारी को दिये।
इस अवसर पर जिला पर्यटन अधिकारी प्रकाश खत्री, प्रशिक्षक मोहम्मद अली, शिखर कौशिक, कीर्तिका वर्मा, रितेश नेगी व बर्ड प्रशिक्षु उपस्थित थे।