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कार्यशाला में डीएम ने दी कई जानकारियां

कार्यशाला में डीएम ने दी कई जानकारियां
जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार पौड़ी में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग पौड़ी गढ़वाल के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने उद्यमियों से कहा कि जब उद्यम की बात होती है तो उसके मानक बनाए जाते हैं और अपेक्षा होती है कि उस मानक का पदार्थ/वस्तु लोगों को मिले सके। कहा कि पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत अपने उद्यम को मानकबद्ध तरीके से आगे बढ़ाएं, ताकि आपके बनाए उत्पादों में गुणवत्ता संबंधी शिकायत ना हो। उन्होंने मुख्य उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया कि योजना के अन्तर्गत तत्काल जिला स्तरीय समिति गठित करना सुनिश्चित करें। कहा कि राज्य में पौड़ी पहला जनपद है, जो योजना के तहत 02 उद्यमियों के आवेदन स्वीकृत कर बैंक को भेजे गये है। कहा कि योजना के अन्तर्गत जनपद का 09 का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष 17 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने कहा कि इस वर्ष लघु उद्योग पर विशेष फोकस है। कहा कि योजना के अन्तर्गत निजी, स्वय सहायता समूह या पर्टनरशिप में भी कर सकते हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि इस योजना को प्राथमिकता पर करना सुनिश्चित करें तथा अधिक से अधिक संख्या में लोगों में पहुंचकर इसका लाभ लोगों को दें। उन्होंने उद्यमियों से अपेक्षा की कि योजना के अन्तर्गत अपने उद्यम के उत्पादन और बिक्री मानकानुसार को आगे बढ़ाये और इसका अधिक से अधिक लाभ लें। जिलाधिकारी ने जिला रिसोर्स अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजना के अन्तर्गत आने वाले आवेदनकर्ता, फोन कॉल करने वाले का नाम, पता, सम्पर्क नम्बर आदि डाटा को पंजिका में दर्ज करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने उत्पादकों की मार्केटिंग व पैकेजिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा। कहा कि वर्तमान समय में पैकेजिंग के लिए मशीनें आती है, जिससे पैकेजिंग को आकर्षक बनाया जाता है।
मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. नरेन्द्र कुमार ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मन्त्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित ‘‘प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना(च्डथ्डम्)’’ के अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों हेतु कुल परियोजना की लागत रू0 2857143/- का 35 प्रतिशत अधिकतम रू0 10.00 लाख की राजसहायता प्राप्त किये जाने हेतु उद्यमियों को क्रेडिट लिंकड बैक एण्डेड सब्सीडी के नियमानुसार प्रस्तावक 10 प्रतिशत अंश एवं अवशेष बैंक टर्म लोन से परियोजना पूर्ण किये जाने हेतु विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त एफपीओ/एसएचजी/कॉपरेटिवज के द्वारा प्रस्तुत रू0 10.00 लाख तक की राजसहायता के प्रस्ताव राज्य स्तर पर ही स्वीकृत किये जायेंगे इससे अधिक की राजसहायता के प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मन्त्रालय भारत सरकार को प्रस्तुत किये जायेंगे। यह योजना 90 एवं 10 के अनुपात में केन्द्र व राज्यांश द्वारा प्राविधानित है।
कार्यशाला में परियोजना निदेशक पौड़ी एस0के0राय, डीडीएम नाबार्ड भूपेन्द्र सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी देवेन्द्र सिंह राणा, खण्ड विकास अधिकारी पौड़ी प्रवीण भट्ट, उद्यान विशेषज्ञ प्रभाकर सिंह, आजीविका योजना के चर्तुवेदी सहित उद्यान विभाग के कर्मचारी/अधिकारी तथा 48 ग्रामीण किसानों तथा महिला किसानों द्वारा भाग लिया गया।

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