टिहरीः जनपद का डोबरी चांटी ने जहां स्थानीय स्तर पर मानव जीवन को सुगम बनाने का प्रतीक बना है वहीं पर्यटन के क्षेत्र में भी इसकी अलग पहचान है। और इस अद्भुत कही जाने वाली विरासत के निर्माण का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं है। जो भी इस पुल की भव्यता और इसकी अहमियत पर मनन करता है वह पूर्व सीएम त्रिवेंद्र की दूरदर्शी सोच को साधुवाद करता है।
अपने प्रतापनगर नगर दौरे के दौरान पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जब डोबरा चांठी पुल पहुंचे तो उनकी प्रसंन्नता स्वाभाविक थी। यहां उन्होंने कहा की डोबरा चांठी प्रताप नगर, टिहरी वासियों के लिए लाइफ लाइन है। उन्होंने कहा कि डोबरा चांठी पुल प्रतापनगर को टिहरी और शेष राज्य से जोड़ता है। टिहरी बांध और झील बनने से प्रतापनगर का सारा क्षेत्र एक तरह से अलग थलग पड़ गया था। प्रतापनगर के लोगों को टिहरी आने के लिए लगभग 100 कि.मी. से अधिक का चक्कर काटना पड़ता था। इससे माल ढुलाई, आवश्यक रोजमर्रा सामान की आपूर्ति भी महंगी और कठिन होती थी।
यह पीड़ा लगभग 15 वर्षों तक प्रतापनगर क्षेत्र के लोगों ने झेली।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र आरंभ से ही इस समस्या के प्रति संवेदनशील रहे। वो देखते थे कि इस पुल के लिए बड़ी राशि स्वीकृत न करने से बार-बार तकनीकी समस्याएं आ रहीं थीं। प्रोजेक्ट भी महंगा होता जा रहा था।
इसीलिए मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने इसकी गहन जांच कर इसके लिए एकमुश्त 88 करोड़ की राशि स्वीकृत की। इसे अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा। इसीलिए यह प्रोजेक्ट समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा हुआ।
आज टिहरी वासियों के साथ देश दुनिया के पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बनते देख त्रिवेंद्र सिंह रावत को संतोष और प्रसन्नता होना स्वाभाविक है। प्रतापनगर क्षेत्र के सभी निवासी खुले दिल से त्रिवेंद्र की तारीफ़ और धन्यवाद करते नहीं थकते।