गीता इन्कलेव देहरादूनः वाह रे…नगर निगम प्रशासन, नौ दिन चले अढ़ाई कोस
– तीन दिन का नोटिस, तीन हफ्ते बाद भी नहीं हटा गीता इंकलेव में हुआ अतिक्रमण
– अतिक्रमण हटाने में दून प्रशासन की कछुवा चाल से गीता इंक्लेव के वासिंदों में संशय
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देहरादूनः यहां नगर निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार समझें या फिर सयाने लोगों की मिलीभगत का फेर। लेकिन बात जबरदस्त तरह से हैरान करने वाली है कि गीता इन्कलेव के अतिक्रमण हटाने को तीन दिन के नोटिस के करीब तीन सप्ताह बाद भी अतिक्रमण हटाने के नाम पर यहां खानापूर्ति हो रही है। जैसे जैसे दिन बढ़ रहे हैं प्रभावित मोहल्ले के ग्रामीणों का संशय बढ़ रहा है।
असल सवाल यह है कि आखिर क्यों देहरादून प्रशासन गीता इन्कलेव में सड़क और नाले पर हुए अतिक्रमण को हटाने में उस तरह की दिलचस्पी नहीं ले रहा है, जिस तरह के निर्देश हुए हैं।
खैरश् बात निकली है तो जाहिर है दूर तलक जाएगी।
बता दें कि करीब तीन सप्ताह पूर्व प्रदेश की राजधानी के मोहब्बेवाला के गीता इन्कलेव में लोगों को इस बात की उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज में सड़क व नाले से अतिक्रमण हट जाएगा और बारिस में उनकी जान का जोखिम बनाती समस्या हल हो जाएगी।
जब प्रशासन की ओर से संबंधित जगह पर नोटिस लगाया और अतिक्रमण हटाने की इत्तिला दी तो जान जोखिम में डाल कर जी रहे मोहल्लावासियों में संकट कटने को लेकर खुशी तो होनी ही थी। लेकिन यहां तीन सप्ताह बाद भी अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति ही की जा रही है।
लोगों का कहना कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से वहां कोई भी संतुष्ट नहीं है। 12 फीट चौड़े नाले या सड़क से अतिक्रमण हटा है ऐसा अभी कुछ भी नहीं लग रहा है। प्रशासन की इस हीलाहवाली को लेकर मोहल्ले के लोग अब फिर से सीएम के दरवार में जल्द ही गुहार लेकर पहुंचने वाले हैं।
उम्मीद है सीएम धामी के दरवार से साफ तौर पर पता चल जाएगा कि आखिर गीता इन्कलेव में हुए अतिक्रमण हटाने की कछुवा चाल, खानापूर्ति या लीपापोती के पीछे का गणित आखिर है क्या।