खबर के टॉप में जो फोटो लगा है वह वहां की नहीं है जहां की बताई जा रही है। सीएम धामी के पोर्टल 1905 पर फरियादियों के साथ हुआ भद्दा मजाक
देहरादूनः निसंदेह ही प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अतिवृष्ठि के कारण संभावित आपदाओं को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं। इसके लिए उन्होंने आपदा परिचालन कक्ष से लेकर सीएम पोर्टल तक को चौकस रहने के निर्देश जारी किए हैं। लेकिन सिंस्टम का हाल देखिए! स्वयं सीएम पोर्टल 1905 पर समस्या का समाधान चाहने वाले फरियादियों के साथ इस तरह का मजाक हो रहा है जिसे भद्दा ही कहा जाएगा।
बता दें कि प्रदेश में मानसून की एंट्री से पहले आ प्री मानसूनी बारिस से ही राजधानी देहरादून के मोहब्बेवाला के गीता एनक्लेव के निवासियों का जीना मुहाल हो रखा है। यहां पानी की निकासी ना होने से सड़क तालाब बनी हुई है। घरों से बाहर निकलना दूभर हो रखा है। परेशान लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर निगम, जिलाधिकारी, से लेकर सीएम पोर्टल तक अनगिनत गुहार लगा दी हैं। लेकिन समाधान की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है। खानापूर्ति के नाम पर कभी कभार पंप से पानी हटाया जा रहा है, बस।
नतीजा यह है कि यहां अत्यधिक जलभराव से दैनिक जन-जीवन पूर्णतः अस्त-व्यस्त है। अधिकारियों से लेकर नेताओं तक की परिक्रमा भी अनवरत जारी है। लेकिन मजाल है कि घोड़ा घास खा दे। समस्या अपनी जगह बनी हुई है।
अब हाल में सीएम पोर्टल से आए एक जवाब ने गीता इंक्लेव के फरियादियों के उस विश्वास को भी तोड़ कर रख दिया है जो उन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की देखरेख में संचालित हो रहे सीएम पोर्टल पर था। उनकी फरियाद पर संबंधित निगम प्रशासन की ओर से जो रिपोर्ट लगाई गई उस तरह की स्थितियां कमोवेश गीता इंक्लेव तो हैं ही नहीं। रिपोर्ट में बाकायदा एक फोटो भी लगा रखा है जो किसी भी एंगल से गीता इंक्लेव का नहीं लगता। फरियाद में अतिक्रमण हटाकर पानी की निकासी की व्यवस्था की बात है तो इस भद्दे मजाक की फाइनल रिपोर्ट में शोखपिट के विरोध के कारण समस्या हल ना होने की बात हो रही है।
इन हालातों में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएम पोर्टल पर दी गई शिकायतों पर सिस्टम कितनी लापरवाही से काम करता है। निश्चित ही सीएम पोर्टल अपनी जिम्मेदारियों के प्रति तो गंभीर होगा लेकिन कारिंदों की कारिस्तानी हास्यास्पद तो है ही व्यवस्थाओं का शर्मशार करने वाली भी है। जरा भी किसी कोने में नैतिकता बची हो तो इस नालायक सिस्टम को चुल्लूभर के पानी के लिए भी बड़ी मस्सकत करनी पड़ेगी। लेकिन जमीर जब हाथ से फिसल जाए तो फिर कुछ भी हो सकता है।
अब देखना है कि जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उन पर क्या एक्शन लेते हैं जो सीएम पोर्टल जैसे सम्मानित और गरिमामय प्लेटफार्म की ओर से दिया जाने वाला जबाब भी नशे के हालातों में दे रहे हैं।