हरिद्वार:
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल ’निशंक’, डॉ0 महेश शर्मा, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन कौशिक, महामण्डलेश्वर स्वामी नैसर्गिका गिरि जी व अन्य महानुभावों ने रविवार को कनखल स्थित हरिहर आश्रम में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानन्द जी महाराज के त्यागपूर्ण आध्यात्मिक जीवन पर केन्द्रित श्रीमती शोभा त्रिपाठी की औपन्यासिक कृति-’’तप और तपस्या’’ का जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानन्द जी महाराज के सान्निध्य में लोकार्पण किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक मंगलाचरण, मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
विमोचन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये श्री ओम बिड़ला, अध्यक्ष लोक सभा ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिये सौभग्यशाली है। उन्होंने कहा कि जब भी मैं देवभूमि आता हूं तो मुझे शान्ति व नई ऊर्जा मिलती है। आचार्य महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानन्द जी महाराज का जिक्र करते हुये लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि आपका जीवन अद्भुत है, जिसे पुस्तक में समेटना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति इस पुस्तक को पढ़ेगा, उसे निश्चित रूप से प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि मन को शान्ति व स्थिरता आध्यात्मिक गुरू से ही मिलती है, जितना मन शान्त रहेगा, उतनी अधिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के जीवन को देखकर मुझे असीम शान्ति, हमेशा कार्य करने की प्रेरणा व ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी में एक आलौकिक सिद्धि है, उन्होंने लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन किया है, भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व में बढ़ाने का काम किया है तथा कई ग्रन्थों को सरल भाषा में प्रस्तुत किया है, उनका जीवन लाखों लोगों को प्रेरणा देते रहता है। उन्होंने कहा कि अन्तिम व्यक्ति के जीवन में कैसे बदलाव आ सकता है, इस सम्बन्ध में वे निरन्तर चिन्तन करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमें आध्यात्मिक गुरूओं से ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को इस अवसर पर याद कर रहे हैं, वे भी आध्यात्मिक भक्ति व ज्ञान से ही प्रेरित थे।
कोरोना काल का जिक्र करते हुये श्री ओम बिड़ला ने कहा कि आचार्य महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानन्द जी महाराज ने कोविड के समय लाखों लोगों की सेवा की। योग का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि अगर मन को शान्ति चाहिये तो उसमें ध्यान योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यू0एन0 में प्रस्ताव लाकर योग को पूरे विश्व में स्थापित किया। अब प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने समारोह को सम्बोधित करते हुये कहा कि आचार्य महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानन्द जी महाराज के जीवन पर आधारित उपन्यास ’’तप और तपस्या’’ से प्रेरणा मिलने के साथ ही हमेशा मार्गदर्शन भी मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि सनातन वह है, जो सदैव चलता रहे। उन्होंने कहा कि स्वामी जी का व्यक्तित्व चुम्बकीय व्यक्तित्व है। वे जितने बड़े सन्त हैं, उनका व्यवहार उतना ही सरल है।
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानन्द जी महाराज ने इस अवसर पर सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुये कहा कि सन्त का जीवन वृक्ष की तरह होता है। उसका जीवन परमारथ के लिये है। उन्होंने कहा कि मैं प्रकृति की तरह रहना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि सन्यासी को मान-अभिमान, जय-पराजय से दूर रहना चाहिये।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये हरिद्वार सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल ’निशक ने आचार्य महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानन्द जी का उल्लेख करते हुये कहा कि उनके जीवन पर आधारित कृति हमारे जीवन का पाथेय बनेगी। उन्होंने कहा कि बसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को लेकर चलने वाले को भगवान लम्बी उम्र दे तथा वे हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहें। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक भारत के बच्चे-बच्चे तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि विश्व योग दिवस के अवसर पर स्वामी अवधेशानन्द गिरिजी महाराज ने शिकागो में भारत का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि आगामी दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। यह मॉडल प्रदेश बनेगा।