पौड़ी जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में दिनांक 12 दिसम्बर से 22 दिसम्बर, 2022 तक स्पेशल इम्यूनाइजेशन वीक(विशेष टीकाकरण सप्ताह) के अन्तर्गत यूनिर्वसल नियमित टीकाकरण किये जाने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग और संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को हाउस-टू-हाउस सर्वे और टीकाकरण पूर्ण करने के लिए माइक्रो प्लानिंग बनाते हुए उसका बेहतर क्रियान्वयन करने के निर्देश दिये। उन्होंने इस अवधि में आशा, एन0एम0, एएनएम आदि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्र में रहकर टीकाकरण का कार्य संपादन के निर्देश दिये। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों और पिछले टीकाकरण में जिन क्षेत्रों में कुछ बच्चे छूट गये हैं उन क्षेत्रों को कवर करने हेतु विशेष योजना बनाते हुए कार्य करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने टीकाकरण के दौरान टीकों के लिए न्यूनतम तापमान बनाने रखने के लिए कोल्ड-फ्रिज बॉक्स को सही हालात में पर्याप्त मात्रा में रखने तथा इसके लिए वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था हेतु जनरेटर, सोलर पैनल इत्यादि की व्यवस्था रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पिछले बार के गैफ को आइडेन्टिफाई करते हुए उसमें सुधार करें।
जिलाधिकारी ने बाल विकास विभाग को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सुपरवाईजरों के माध्यम से टीकाकरण में आवश्यक सहयोग प्रदान करने, जिला पंचायतीराज अधिकारी को ग्राम सभा की बैठक के माध्यम से टीकाकरण हेतु सचेत करने, शिक्षा विभाग को स्कूली बच्चों के माध्मय से जागरूक करने तथा वन विभाग को रिमोट इलाकों में टीकाकरण के लिए जरूरी सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिये जो क्षेत्र दुर्गम इलाके में आता हो। उन्होंने कहा कि मातृ और बाल स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए तथा बाल मृत्युदर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण के कार्यो को गंभीरता से क्रियान्वयन करें तथा अन्य संबंधित विभाग इसमें सभी तरह का सहयोग प्रदान करें।
जिलाधिकारी ने ‘‘हाई रिस्क प्रेग्नेंसी’’ वाले मामलों को बेहतर तरिके से डील करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसके एक मॉनिटरिंग एप बनाने के निर्देश दिये, जिसमें ‘‘हाई रिस्क प्रेग्नेंसी’’ के मामले साझा किये जाय तथा इस एप में मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ-साथ सभी स्थानीय स्वास्थ्य यूनिट प्रभारी, महत्वपूर्ण चिकित्सक, नर्सेज इत्यादि जुड़े हों ताकि चिकित्सा-निदान की बेहतर सूचना उपलब्धता के आधार पर बेहतर चिकित्सा दी जा सके।
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