देहरादूनः राज्य के जिन मेडिकल कॉलेजों में कैथ लैब नहीं हैं, उन सभी मेडिकल कॉलेजों में कैथ लैब बनाये जायेंगे। राज्य के सभी चिकित्सा इकाइयों में एमआरआई, सिटी स्कैन की पूरी व्यवस्था एवं टेक्निशियन की कमी को पूरा किया जायेगा, इसमें सभी जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज सम्मिलित हैं। यह घोषणा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जन औषधि दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 2022-23 में जन औषधि के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले डॉ. पूनीत धमीजा, जन औषधि मित्र के रूप में श्रेष्ठ कार्य करने वाले श्री मुकुल अग्रवाल एवं जन औषधि ज्योति के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाली श्रीमती कुसुम गोयल को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखना अत्यंत आवश्यक है, शरीर की रक्षा करना और उसे निरोगी बनाये रखना मनुष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है। बीमारी लगने पर पहले लोगों को महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ती थी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देशभर में जन औषधि केंद्र खोलकर लोगों को सस्ती और सुलभ दवाइयां उपलब्ध कराने का कार्य किया है। अभी तक 850 से ज्यादा दवाओं का मूल्य नियंत्रित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आयुष्मान भारत योजना आज देश भर में लाखों लोगों को चिकित्सा के क्षेत्र में फायदा पहुँचा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में जो भी जन औषधि केन्द्र खोले जा रहे हैं, उनमें सरकार द्वारा 05 लाख रूपये की सहायता दी जाती है। गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने में जन औषधि केन्द्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। राज्य को अभी 400 जन औषधि केन्द्र खोलने का लक्ष्य मिला है, 225 जन औषधि केन्द्र खोले जा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य की सभी 670 न्याय पंचायतों में कोपरेटिव सोसायटी में एक-एक जन औषधि केन्द्र खोला जायेगा। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में कैबिनेट ने राज्य में 500 से अधिक विकलांग बच्चों को घर पर ही शिक्षा ग्रहण करने की व्यवस्था का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार 265 अध्यापकों की नियुक्ति करने जा रही है। राज्य के 850 अनाथ बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नाम से 13 हॉस्टल बनाये जा रहे हैं, जिनमें से 10 पूर्ण हो चुके हैं। इन हॉस्टल में अनाथ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा एवं रहने की व्यवस्था की गई है। हर जनपद में एक-एक डायलिसिस केन्द्र चल रहा है। राज्य में संस्थागत प्रसव में तेजी से वृद्धि हुई है, पिछले 05 सालों में संस्थागत प्रसव 37 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत हुआ है। शिशु मृत्युदर में भी कमी आई है। प्रति हजार शिशु पर शिशु मृत्युदर 29 से घटकर 24 हुआ है। इसे 10 से कम लाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, डॉ. कल्पना सैनी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र भट्ट, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री खजान दास, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।