जानिए! प्रीबायोटिक हर्बल टी बनाने की पद्धति
आइए जानते हैं। सुनील दत्त कोठारी जी हर्बल टी विशेषज्ञ से आप अभी तक पत्तियों की कटाई एवं छटाई, पतियों को सुखाई करने प्रक्रिया, पत्तियों की ट्रीटमेंट करने की विधियां पर चर्चा करने के बाद अब हम जानते हैं उपयुक्त विधि के बाद हर्बल चाय बनाने का अंतिम एवं महत्वपूर्ण हिस्सा, उपयुक्त विधि द्वारा तैयार पत्तियों में किस प्रकार का मिश्रण मिलाया जाए?अपने कार्य को सैद्धांतिक एवं आधुनिक व्यवहारआत्मक कार्य करते हैं, कोठारी जी स्पष्ट रूप से बताते हैं की मिश्रण से अभिप्राय पत्तियों मैं उपस्थित गुणवत्ता को समानांतर करने का प्रयास होता है, पहले से उपस्थित होते हैं उनको एक स्तर तक और ज्यादा प्रभावशाली बनाने की विधियों के बाद अब उसकी गुणवत्ता को अन्य प्राकृतिक वनस्पति मिलाकर समानांतर किया जाता है, कोठारी जी हर्बल चाय में समानांतर करने का अर्थ है कि तीनों प्रकृति केव्यक्तियों (वात ,कफ एवं पित्त)के लिए यह पूर्णतया लाभदायक सिद्ध हो,प्रेबियोटेक अपनी प्रकार के नए-नए एवं अनूठे प्रयोग करके विश्व पटल पर हर्बल चाय के नए प्रयोग करते जा रहे हैं, आपका प्रयास वर्ष 2016 से उत्तराखंड भारतवर्ष में अनेक प्रकार की वनस्पतियों पर कार्य करना भी है,आज की चर्चा में कोठारी जी आपको बताएंगे,
प्रीबॉयोटिक पेय पदार्थ हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। भारतीय आयुर्वेद इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। ये ज्यादातर फर्मेंटेड पेय पदार्थ में पाया जाता है।
इस में आपको बताया जाएगा ,पेय पदार्थ को उपभोग करने से पहले कुछ दिनों तक सुरक्षित रखना 3 महीना से 9 महीना तक, एवं निर्माण विधि पूर्व दिनों के बाद पीने की प्रक्रिया फर्मेंटेशन विधि का विवरण।
इस के द्वारा सामान्य रोग निदान माध्यम से कैसे हैं आप पेट, त्वचा आदि से संबंधित रोगों से बचाव के लिए इस प्रकार के पेय पदार्थ का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा मात्रा में करना चाहिए।
इस के द्वारा इम्यूनिटी बढ़ाने और उसे बरकरार रखने में फर्मेंटेड फूड का बहुत ही लाभदायक गुण पाए जाते हैं।
ऐसे ही कुछ अन्य फायदों के बारे में जानेंगे।
फर्मेंटेड पेय से सेहत को होने वाले फायदे इस के दौरान आप जान पाएंगे कि कैसे ,आंतों के लिए
फर्मेंटेड पेय आंतों के लिए यह उपचार विधि फायदेमंद होता है। यह न सिर्फ पाचन बल्कि कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी कई समस्याओं से भी कैसे दूर रखता है। फर्मेंटेड पेय में पाए जाने वाला लैक्टिक एसिड आंतों के बारे में विस्तृत जानकारी दिया जाएगा ।
इस के द्वारा विटामिन ए और सी की मात्रा लैक्टिक एसिड सिर्फ डाइजेशन को ही सही नहीं रखता, बल्कि ये बॉडी में विटामिन ए और सी की मात्रा को भी संतुलित बनाए रखता है। यह बॉडी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स की जरूरत की पूर्ति करता है। बॉडी को डिटॉक्सिफाई, शुगर की मात्रा को कंट्रोल, कैंसर से बचाता है, न्यूट्रिएंट्स का स्रोत, इम्यूनिटी बढ़ाता है।
उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार फर्मेंटेशन विधि द्वारा बनाई गई चाय, इस विधि के द्वारा यह चाय की गुणवत्ता कई हजार गुना बढ़ जाती है, साथ ही साथ हमारी पद्धति द्वारा 88 जड़ी बूटियों का जो कि उत्तराखंड में पाई जाती हैं, उनका मिश्रण तैयार करके फर्मेंटेशन विधि द्वारा गुजर जाता है।
अभी तक इस विधि का प्रयोग किसी अन्य संस्था या व्यक्ति द्वारा उत्तराखंड के परिपेक्ष में नहीं किया गया है, श्री सुनील दत्त कोठारी का प्रयास इस तरह के नए नए प्रयोग आपके लिए प्रस्तुत करना।जो लोगों की आजीविका वर्धन तो करती ही है हमारे पित्र पूर्वजों को नए कलेवर में पेश करना आपके कार्य पद्धति का मुख्य अंग है।इस चाय का सेवन आप गर्मी मे आइस टी और विंटर में गर्म रूप में किया जा सकता है।