खबर पौड़ी जनपद से है। यहां विशेष सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) आशीष नैथानी की अदालत ने नाबालिक से दुष्कर्म से सम्बन्धित एक मामले में अभियुक्त को दस वर्ष की कठोर सजा सुनाई।
ए डी जी सी (पोक्सो) विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि थाना कोटद्वार के अन्तर्गत पीड़िता के पिता ने अपनी नाबालिक पुत्री (पीड़िता) के सम्बन्ध में एक गुमशुदगी दर्ज कराई, कि वह बिना बताए कहीं चली गई है।
वादी की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत हुआ और पीड़िता की तलाश के लिए पुलिस ने टीम गठित की। पुलिस की विवेचना में यह तथ्य पता चला कि अभियुक्त पीड़िता को भगा कर ले गया है। पुलिस को अभियुक्त के फोन की लोकेशन दिल्ली में मिली। एक्शन में आई पुलिस ने अभियुक्त को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से पीड़िता को बरामद किया गया। पीड़िता ने पुलिस व मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में बताया की अभियुक्त उसे बहला फुसलाकर दिल्ली भगा कर ले गया। पीड़िता के साथ उसने निकाह कर लिया और दिल्ली में किराया का कमरा लेकर उसे पत्नी के तौर पर साथ रखा और पीड़िता के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाए।
मामले में विवेचना पूर्ण होने के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की ओर से बारह गवाह प्रस्तुत हुए। जिन्होंने घटना का समर्थन किया। अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायालय ने अभियुक्त को भा दण्ड संहिता की धारा 376 में दस वर्ष की कठोर सजा, धारा 363 में तीन वर्ष, धारा 366 में पांच वर्ष, एस सी एस टी एक्ट में एक वर्ष की सजा सुनाई। इन्हीं धाराओं में अर्थदंड भी लगाया। सभी सजाए साथ साथ चलेगी। पीड़िता को प्रतिकर दिए जाने के आदेश भी न्यायालय ने दिए।