एक जमाने में कांग्रेसी दिग्गज कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत यानी हरदा समय समय पर कुछ न कुछ कहते रहते हैं। विधान सभा चुनाव में औंधे मुहं गिर गए लेकिन रस्सी का बल अपनी जगह है। अब हरदा बोल रहे हैं कि जो काम भाजपा के लोग इतने वर्षों में नहीं कर पाए, उसे अब कांग्रेस के लोग अंजाम देना चाहते हैं। उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा कि उन्हें मेरी हार से भी चैन नहीं है। इसलिए उनके खिलाफ तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। वह कौन लोग हैं और किसके इशारे पर काम कर रहे हैं?
अब तो यही कहा जाना चाहिए कि बहुत हो गया हरदा, अब क्या बाकी रह गया। अब ना पार्टी कहीं दिख रही है और ना ही कहीं आप। लेकिन आप हो कि लगे हो।