यूथ-20 कंन्सल्टेशन का एम्स ऋषिकेश में आगाज।
देश और दुनिया के विभिन्न प्रतिनिधि विचारों का मंथन कर युवाओं को एक नई दिशा करेंगे प्रदान ।
यूथ-20 कंन्सल्टेशन का एम्स ऋषिकेश में बृहस्पतिवार को आगाज हो गया। दो दिनों तक चलने वाले इस वाई-20 सम्मेलन में देश और दुनिया के विभिन्न डेलिगेट्स विचारों का मंथन कर युवाओं को एक नई दिशा प्रदान करेंगे। समिट के पहले दिन होलिस्टिक हेल्थ काॅन्कलेव कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट व्यक्तियों ने अपने विचार रखे। कॉन्क्लेव में उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से पहंुचे युवा प्रतिनिधियों सहित देश विदेश के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इससे पूर्व देश-विदेश से पंहुचे डेलिगेट्स ने योगा अभ्यास कर इस सत्र में प्रतिभाग किया।
इस दौरान देश में एक समग्र तकनीक-आधारित स्वास्थ्य देखभाल पर्यावरण तंत्र के निर्माण के मार्ग पर आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने के तरीकों पर चर्चा की गयी।
समिट का उद्घाटन करते हुए एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह ने कहा कि इस समिट से देश और दुनिया भर के युवाओं को स्वास्थ्य क्षेत्र में स्वयं को सुदृढ़ करने का अवसर मिला है। इससे युवाओं को होलिस्टिक हेल्थ के प्रति अनुभव हासिल होगा। साथ ही अपने विचारों को आदान-प्रदान करने का अवसर भी मिलेगा। उन्होंने जापान, जर्मनी, ंिसंगापुर, यूके और यूएसए सहित देश भर के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों का स्वागत कर जी-20 के तहत यूथ-20 समिट के आयोजन करवाने हेतु देश के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का विजन बताया और इसे देश वासियों के लिए गौरव की बात बतायी।
मुख्य अतिथि राज्य की महिला कल्याण, बाल विकास और युवा व खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि इस समिट से वैश्विक स्तर पर भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की भावना फलीभूत हो सकेगी। उन्होंने कहा वैश्विक स्तर पर भारत की आबादी 16 प्रतिशत है। उन्होंने युवाओं को प्रेरणा देते हुए आह्वान किया वह योगा का निरन्तर अभ्यास कर खेलों के प्रति अपनी एकाग्रता बढ़ाएं। ताकि देश के युवा प्रत्येक क्षेत्र में मजबूत होकर देश को विकसित करने में अपना योगदान दे सकें।
रामकृष्ण मिशन अस्पताल हरिद्वार के चिकित्सा अधीक्षक स्वामी दयादिपानन्द महाराज ने विश्व के युवाओं को न केवल शारीरिक तौर से अपितु मानसिक तौर से भी स्वस्थ रहने की जरूरत बतायी। उदाहरण देते हुए उन्होंने जीवन के लिए 4 स्तम्भ महत्वपूर्ण बताए। कहा कि सही ज्ञान, सही सोच, सही जीवन शैली और उपयुक्त खान-पान के सिद्धान्त को जीवन में अपनाने की बात कही। कहा कि यह मेथेड जीवन को स्वस्थ रखने का मूल मन्त्र है। उन्होंने अष्टांग योगा और प्रैक्टिकल वेदान्ता पर भी प्रकाश डाला।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द महाराज ने युवाओं को जंग फूड से बचने की सलाह देते हुए ईट राईट, ईट लाईट का सरल सिद्धान्त को अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास में वहां के युवा वर्ग का सर्वाधिक योगदान रहता है। इसलिए जरूरी है कि मेडिकेशन के बजाय वह मेडिटेशन पर ज्यादा ध्यान दें।