जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान की अध्यक्षता में एन.सी.ओ.आर.डी. (अवैध रूप से होने वाली अफीम, खस-खस, पोस्त, भांग) तथा किसी भी तरह के नशे के उपयोग की रोकथाम के संबंध में बैठक आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग, आबकारी विभाग, वन विभाग, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से जनपद में अवैध अफीम, खस-खस, भांग आदि की खेती रोकने तथा लोगों केा किसी भी तरह के ड्रग्स-नशे के सेवन से छुटकारा पाने के प्रयासों को तेजी से अमल में लाने के निर्देश दिये। उन्होंने विशेषकर बच्चों को नशे की लत से हर हाल में मुक्त करने के गंभीर प्रयास करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सभी मेडिकल स्टोर और ऐसी दुकानों जिन पर नशे वाली चीजों के विक्रय करने का संदेह है औचक छापेमारी करें तथा नशे वाली सामग्री पकडे जाने पर सख्त वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने राजस्व विभाग और पुलिस विभाग को किसी व्यक्ति द्वारा दी जाने वाली गुप्त सूचना पर छापेमारी करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि स्कूलों के 100 मीटर की परिधि में कोई दुकान ऐसी ना हो जिसमें किसी भी तरह का तम्बाकू अथवा नशायुक्त सामग्री का विक्रय होता हो। उन्होंने संबंधित विभागों को विशेषकर समाज कल्याण को सोच रिहैबिलिटेशन संस्था के सहयोग से सभी शैक्षणिक और तकनीकि संस्थानों में व्यापक जन-जागरूकता कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिये साथ ही लोगों के बीच नशामुक्ति से संबंधित सूचना को विजुअल और प्रिंट दोनों माध्यम से डिस्ट्रीब्यूट करने के निर्देश दिये। उन्होंने विद्यालयों में भी नशामुक्ति से संबंधित काउसिंलिग करने तथा इस पर बारीकी से नजर रखी जाए कि कौन-कौन लोग बच्चों को नशे वाली चीजें उपलब्ध करवाते है उनकी पहचान करते हुए सख्त कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि केवल वैधानिक तरीके से की जाने वाली भांग की खेती को छोड़कर बाकि पर सख्ती से लगाम लगायें।
इस दौरान बैठक में डीएफओ गढ़वाल मुकेश कुमार, डीएफओ सिविल एवं सोयम के.एन. भारती, एसडीएम सदर आकाश जोशी, जिला आबकारी अधिकारी के.पी.सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सोच नशा मुक्ति केन्द्र से कृष्ण बोढ़ियाल सहित संबंधित लोग उपस्थित थे।