राष्ट्रपति ने 2001.94 करोड़ रूपये की 09 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
राष्ट्रपति ने सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान (मेडिकल कॉलेज) अल्मोड़ा सहित 03 योजनाओं का किया गया लोकार्पण।
1473.59 करोड़ की 06 योजनाओं का किया शिलान्यास।
राष्ट्रपति के समक्ष उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति हुई जीवंत।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु का पहली बार उत्तराखण्ड आगमन पर मुख्यमंत्री आवास में नागरिक अभिनन्दन किया गया। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित गरिमापूर्ण कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने 2001.94 करोड़ रूपये की 09 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। राष्ट्रपति ने 528.35 करोड़ रूपये की 03 योजनाओं का लोकार्पण और 1473.59 करोड़ की 06 योजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.), मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति द्वारा लोकार्पित की गयी योजनाओं में 330.64 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान (मेडिकल कॉलेज) अल्मोड़ा, पिटकुल द्वारा हरिद्वार जनपद के पदार्था में 84 करोड़ रूपये की लागत से 132 के.वी. के आधुनिक तकनीक के बिजली घर एवं इससे संबंधित लाइन का निर्माण, जिला रूद्रप्रयाग में 113.71 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 4.5 मेगावाट की कालीगंगा-द्वितीय लघु जल विद्युत परियोजना शामिल हैं।
राष्ट्रपति द्वारा जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 306 करोड़ रूपये की लागत से चीला पॉवर हाऊस 144 मेगावाट की योजना का रेनोवेशन कार्य, देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत 204.46 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड ऑफिस कॉम्पलेक्स ग्रीन बिल्डिंग का निमार्ण, 131 करोड़ रूपये की लागत से हरिद्वार के मंगलोर में 220 के.वी. सबस्टेशन, 750 करोड़ रूपये की लागत से देहरादून के मुख्य मार्गों की ओवर हेड एचटी एवं एलटी विद्युत लाइनों को भूमिगत किये जाने का कार्य, 32.93 करोड़ रूपये की लागत से राजकीय पॉलिटेक्निक नरेन्द्र नगर में दूसरे चरण का निर्माण कार्य और चंपावत के टनकपुर में 49.20 करोड़ रूपये की लागत से आधुनिक अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल का शिलान्यास शामिल है।
इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में राष्ट्रपति उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित हुई। राष्ट्रपति के समक्ष प्रदेश की लोक संस्कृति का लोक कलाकारों द्वारा प्रदर्शन किया गया।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु ने कहा कि देव-भूमि, तपोभूमि और वीर-भूमि उत्तराखंड में आना, मैं अपना सौभाग्य मानती हूं। हिमालय को महाकवि कालिदास ने ‘देवात्मा’ कहा है। राष्ट्रपति के रूप में, हिमालय के आंगन, उत्तराखंड में, आप सब के अतिथि-सत्कार का उपहार प्राप्त करके, मैं स्वयं को कृतार्थ मानती हूं। राष्ट्रपति ने अभिनंदन-समारोह के उत्साह-पूर्ण आयोजन के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उत्तराखंडवासियों को धन्यवाद दिया।
राष्ट्रपति ने विभिन्न विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से लोगों के लिए जन-सुविधाएं बढ़ेंगी। उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के सुव्यवस्थित मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के ऊर्जावान नेतृत्व में, उत्तराखण्ड समग्र विकास के पथ पर अग्रसर है। राज्य के विकास की इस यात्रा में उत्तराखंड के परिश्रमी और प्रतिभाशाली निवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी परंपरा में नगाधिराज हिमालय के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को देवताओं का वंशज माना गया है। इस प्रकार उत्तराखंड के भाई-बहन एक दिव्य परंपरा के वाहक हैं। आप सबके बीच आकर मैं विशेष प्रसन्नता का अनुभव कर रही हूं। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और यहां के लोगों के प्रेमपूर्ण व्यवहार ने स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी से लेकर प्रकृति के सुकुमार कवि, सुमित्रानंदन पंत को मंत्रमुग्ध किया था। इस प्राकृतिक सुंदरता को बचाते हुए ही विकास के मार्ग पर हमें आगे बढ़ना है।