सहकारिता से संभल रही है ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकींः नरेंद्र
– जनपद में सहकारी सप्ताह की सफलता से उत्साहित जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष नरेंद्र रावत बोले, विकास के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी
– ग्रामीण महिला समूहों ने भी प्रस्तुत किए हैं आजीविका सवंर्द्धन के कई अनुकरणीय उदाहरण
पौड़ी/देहरादूनः किसी भी देश व प्रदेश के विकास में सहकारिता का योगदान बेहद अहम होता है। सामूहिक प्रयासों से हर वह कार्य संभव है जो असंभव सा लगता है। सहकारी बैंक इस प्रयोजन की धुरी हैं। जनपद में सहकारिता की योजनाओं का लाभ उठाते हुए कई लोग स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं वहीं बीते सप्ताह लोगों को सहकारी बैंक से जोड़ने हेतु एक विशेष अभियान चलाया गया जिसकी सफलता हम सबको गौरवान्वित करती है। यह बात विगत सप्ताह 14 नवंबर से 20 नंवबर तक चले अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह की सफलता पर जनपद पौड़ी के सहकारी बैंक के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत ने समीक्षा कही।
जिला सहकारी बैंक पौड़ी के मुख्यालय भवन कोटद्वार के साथ ही जनपद की सभी शाखाओं में सहकारिता सप्ताह मनाया गया है। बैंक के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सप्ताह आयोजन के दौरान सप्ताह भर सहकारिता को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया गया। सभी समितियों में सहकारिता गोष्ठियों का आयोजन हुआ जिसमें सहकारिता के लक्ष्यों को शत प्रतिशत सफल कराए जाने पर चर्चा हुई। आजीविका संवर्द्धन के प्रयास भी कार्यक्रम की प्राथमिकता में रहे।
इस दौरान सदस्यता अभियान चलाकर कई लोगों को सहकारिता अभियान से जोड़ा गया। कई गांवों में सदस्यता शिविर आयोजित कर नए खाते खुले साथ ही निष्क्रिय हुई समितियों को फिर से सक्रिय की गई। स्वरोजगारियों का ऋण भी वितरित किए। सहकारिता से जुड़े हर व्यक्ति ने अपने दायित्वों को बेहद जिम्मेदारी से निभाने का संकल्प दोहराया।
बैंक अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत की सक्रियता और जनःकल्याण के प्रति उनकी विशेष रूचि के चलते पूरे प्रदेश में सहकारिता ने रफ्तार पकड़ी है। और सभी जगहों से अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पॉजिटिव सोच के दम पर ही हम विकास की राह पर अच्छे तरह से आगे बढ़ सकते हैं। बैंक की सभी शाखाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण देने में उदारता के निर्देश हुए हैं ताकि किसी भी लाभार्थी सदस्य को परेशानी न हो।
उन्होंने बताया कि जनपद के अंतर्गत बड़ी तादाद महिला समूह हैं जिन्हें बैंक द्वारा वित्तीय सहायता मिली और आज वह स्वरोजगार की दिशा में प्रेरणादायी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि संघ में शक्ति होती है, सामूहिक प्रयासों से कार्य और भी आसान हो जाते हैं, निसंदेह ही यह प्रशंसनीय है।