जल शक्ति ’कैच द रैन’ जल संरक्षण अभियान के तहत जनपद में बनाये जा रहे अमृत सरोवर योजना हेतु 75 सरोवर (तालाब) बनाये जा रहे हैं। बनाये जा रहे सरोवरों, जल इकाइयों व तालाबों के अंतर्गत आज जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे द्वारा विकासखण्ड कोट के खाई तथा कल्जीखाल ब्लॉक के घंडियाल में भौतिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यों की प्रगति का अवलोकन करते हुए जिलाधिकारी ने सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने वाटर बॉडी में जल एकत्रित करने के लिए उसके आसपास छोटी-छोटी नालियां बनाने तथा तालाब तक जल को एकत्र करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने जल निकाय को स्थानीय प्राकृतिक व धरातलीय स्वरूप के अनुसार नैसर्गिक रूप से निर्मित करने तथा ध्वजा रोहण व जल शक्ति अभियान के प्रतीक चिन्ह को दर्शाने वाली पेंटिंग बनाने के निर्देश भी दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि प्रकृति और उसके उपहार जल जंगल जमीन, वन्य जीव व समस्त प्राकृतिक वातावरण के फलने-फूलने से ही मनुष्य का अस्तित्व टिका हुआ है। इसलिए समस्त प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण तथा व्यवहारिक उपयोग करना जरूरी है ताकि प्रकृति प्रद्त ये खजाना हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए भी सुरक्षित रहे।
उन्होंने लोगों से अपील की कि पानी का महत्व समझे। जितनी जरूरत हो दैनिक कार्यों में उतना ही पानी खर्च करें। कहा कि कहीं पर पानी लीकेज होते दिखाई देता है उसे तत्काल ठीक करवाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि पानी में कूड़ा-करकट व अन्य गंदगी ना डाले जिससे पानी किसी भी तरह से प्रदूषित न हो पाए। कहा कि वर्षा के पानी को परम्परागत व आधुनिक विधियों द्वारा एकत्रित करते हुए उसे सतही जल व भूमिगत जल के रुप में भूमि के अंदर प्रवाहित करें। इसके साथ ही उन्होंने आगामी मानसून सीजन के दौरान सभी लोगों से अपने आसपास खाली भूमि पर व्यापक वृक्षारोपण करने का आह्वान किया तथा पर्यावरण संरक्षण के पुनीत कार्य में सबको अपनी सक्रिय भागीदार होने को कहा।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह चौहान, खण्ड विकास अधिकारी कोट दिनेश बडोनी, बीपीडीओ सचिन भट्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी ने जल निकाय को स्थानीय प्राकृतिक व धरातलीय स्वरूप के अनुसार नैसर्गिक रूप से निर्मित करने तथा ध्वजा रोहण व जल शक्ति अभियान के प्रतीक चिन्ह को दर्शाने वाली पेंटिंग बनाने के निर्देश भी दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि प्रकृति और उसके उपहार जल जंगल जमीन, वन्य जीव व समस्त प्राकृतिक वातावरण के फलने-फूलने से ही मनुष्य का अस्तित्व टिका हुआ है। इसलिए समस्त प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण तथा व्यवहारिक उपयोग करना जरूरी है ताकि प्रकृति प्रद्त ये खजाना हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए भी सुरक्षित रहे।
उन्होंने लोगों से अपील की कि पानी का महत्व समझे। जितनी जरूरत हो दैनिक कार्यों में उतना ही पानी खर्च करें। कहा कि कहीं पर पानी लीकेज होते दिखाई देता है उसे तत्काल ठीक करवाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि पानी में कूड़ा-करकट व अन्य गंदगी ना डाले जिससे पानी किसी भी तरह से प्रदूषित न हो पाए। कहा कि वर्षा के पानी को परम्परागत व आधुनिक विधियों द्वारा एकत्रित करते हुए उसे सतही जल व भूमिगत जल के रुप में भूमि के अंदर प्रवाहित करें। इसके साथ ही उन्होंने आगामी मानसून सीजन के दौरान सभी लोगों से अपने आसपास खाली भूमि पर व्यापक वृक्षारोपण करने का आह्वान किया तथा पर्यावरण संरक्षण के पुनीत कार्य में सबको अपनी सक्रिय भागीदार होने को कहा।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह चौहान, खण्ड विकास अधिकारी कोट दिनेश बडोनी, बीपीडीओ सचिन भट्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।