उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भी भूमि।
जौनसार बावर की पौराणिक संस्कृति, देश व दुनिया में रखती है अपनी अलग पहचान।
जौनसार बावर भवन निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने की 2 करोड़ 50 लाख की घोषणा।
जौनसार बावर सांस्कृतिक महोत्सव में लोक कलाकारों के साथ झूमे मुख्यमंत्री।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है। उत्तराखंड ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर अगर कहीं पौराणिक लोक संस्कृति को जीवित रखने और संजोए रखने का कार्य प्रमुखता से किया गया है तो वो हमारा जौनसार बावर का क्षेत्र है। जौनसार बावर की पौराणिक संस्कृति, देश व दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है।
रविवार को कौलागढ़ स्थित अम्बेडकर, स्टेडियम में जौनसार बावर सेवावृत्त कर्मचारी मण्डल द्वारा आयोजित दो दिवसीय जौनसार बावर सांस्कृतिक महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोजकों को बधाई दी तथा लोक कलाकारों द्वारा आयोजित लोक नृत्य में सामिल होने से स्वयं को रोक नहीं पाये। लोक कलाकारों के साथ झूमते हुए मुख्यमंत्री ने लोक कलाकारों का उत्साह बर्धन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जौनसार बावर भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ 50 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस भवन का उपयोग जरूरतमंद छात्रों के अध्ययन के लिये भी किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जौनसार बाबर के संस्कृति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्कृति अनोखी है इसे बचाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के साथ ही प्रतिवर्ष ऐसे महोत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। यह सांस्कृतिक समारोह हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण प्रदान करने के साथ आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने का कार्य कर रहा है। राष्ट्र और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह सांस्कृतिक समारोह, निश्चित रूप् से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का भी कार्य करेगा। ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच प्राप्त होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने कहा कि हरीपुर में घाट निर्माण से उसके पौराणिक महत्व को भी पहचान मिलेगी।