मोदी सरकार में विश्व पटल पर सनातन को एक नई पहचान मिली: जेपी नड्डा
हरिद्वार: अपने उत्तराखंड के दो दिवसीय प्रवास के दौरान आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा हरिद्वार पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले पंचदशनाम जूना अखाड़े के अधिष्ठात्री मायादेवी मंदिर परिसर में अधिष्ठात्री मायादेवी, छड़ी एवं भैरव देवता की पूजा अर्चना, आरती एवं परिक्रमा के बाद मंदिर परिसर में वृक्षारोपण भी किया और संतों का आशीर्वाद लिया।
इसके बाद श्री जेपी नड्डा ने हरिद्वार में आर्य नगर से ऋषिकुल मैदान, हरिद्वार तक रोड शो किया। जहाँ उन्हें भारी संख्या में जनसमर्थन मिला। लोगों ने पुष्प वर्षा कर उनका और लोकसभा हरिद्वार प्रत्याशी श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का जोरदार स्वागत किया। जेपी नड्डा ने संतों के साथ बैठक भी की और उनका आशीर्वाद लेने के बाद आर्य नगर चौक से रोड शो शुरू किया। जेपी नड्डा का रोड शो चंद्राचार्य चौक, पुराना रानीपुर मोड़ होते हुए ऋषिकुल मैदान पहुंचकर संपन्न हुआ।
श्री नड्डा ने कहा की उत्तराखंड को हम सभी देवभूमि के नाम से जानते है। ऐसी देवताओं की भूमि पर आने का क
हमें सौभाग्य प्राप्त होता है। ये सनातन के जाग्रत का कार्य है और ऐसे समय में जब सनातन के जागरण का कार्य हो रहा है मेरा सौभाग्य है कि साधु संतों का आशीर्वाद मिला। उन्होंने कहा की संतों के आशीर्वाद से हम लक्ष्य 400 पार को अवश्य प्राप्त करेंगे।
रोड शो के बाद श्री नड्डा ऋषिकुल मैदान में आयोजित त्रिदेव
सम्मेलन में पहुंचे जहाँ उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज का दौर भारत का दौर है। पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किला से कहा था कि यही समय है और सही समय है। ये भारत के गौरव का दौर है। पिछले दस सालों में देश ने बदलाव का दौर देखा है। हम दस साल पहले हीन भावनाओं से ग्रसित हो रहे थे। ये ऐसा दौर था जब हम देश को पिछडते हुए देख रहे थे। पीएम के नेतृत्व में 10 वर्षों में बदलते दौर को हमें देखने का मौका मिला। पीएम ने विदेशी नीति तक भारत का परचम विदेशों तक फहराया। 21वीं शताब्दी भारत की जाग्रत अवस्था की शताब्दी है। हमने पांच सौ साल के संघर्ष के बाद राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की। रामलला अब अपने भव्य मंदिर में विराजमान है। एक दौर ये भी था कि जब प्रधानमंत्री मंदिरों से मठों से दूर रहते थे। लेकिन हमने देखा कि प्राण प्रतिष्ठा करने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी आए। ये भारत की जाग्रत अवस्था का दौर है।