रिपोर्ट मुकेश बछेती
पौड़ीः भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा दीपेंद्र तेरा नाम रहेगा, दिशाओं में गूंजते जयकारों के बीच पूरे सैन्य सम्मान के साथ पौड़ी जनपद के बीरोंखाल ब्लाक के पसोल गांव निवासी शहीद दीपेंद्र सिंह रावत का उनके पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। शोकाकुल परिजनों के आंख के आंसू थामे नहीं थम रहे।
बता दें कि बीरोंखाल ब्लॉक निवासी दीपेंद्र जम्मू कशमीर में शहीद हो गए थे। सीने पर पर गोली खाए इस जांबाज का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव पहुंचा। यहां पूरे क्षेत्रवासियों ने उन्हें नम आँखों से विदाई दी गई। पैतृक घाट पर गगनभेदी जयकारों के बीच सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद की अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों की तादाद में लोग उमड़े। सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। दीपेन्द्र सिंह रावत बीती 3 सितंबर को छुट्टी समाप्त होने के बाद ड्यूटी ज्वॉइन की थी। कुछ दिनों बाद उनकी शाहदत की खबर पूरे क्षेत्र में मातम है।
पौड़ी(पहाड़ ख़बरसार)पौड़ी स्थित बीरोंखाल ब्लॉक निवासी सेना का जवान शहीद हो गया है। जवान कानवाई के दौरान अपने ही बंदूक से गोली का शिकार हो गया था। अंतिम संस्कार के लिए दीपेंद्र सिंह रावत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा था। जहाँ उन्हें नम आँखों से विदाई दी गई। सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
गढ़वाल राइफल के दीपेंद्र जम्मू कश्मीर में तैनात थे। गोली लगने से उनकी जान चली गई। बीरोंखाल के पसोल गांव निवासी तीस वर्षीय दीपेन्द्र के कुल तीन भाई है। दीपेन्द्र के पिता राजेश सिंह का कुछ साल पहले निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बीरोंखाल के पसोल गांव पहुंचाया गया था। जहाँ अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों की तादाद में लोग शामिल हुए। सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। दीपेन्द्र सिंह रावत बीती 3 सितंबर को छुट्टी समाप्त होने के बाद ड्यूटी ज्वॉइन की थी। कुछ दिनों बाद उनकी मौत की खबर सुनकर परिवार में मातम पसर गया है।