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छावनी परिषद गढ़ी कैंट में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने किया वृक्षारोपण हर व्यक्ति एक पेड़ लगाने को अपना कर्तव्य समझेः त्रिवेंद्र

छावनी परिषद गढ़ी कैंट में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने किया वृक्षारोपण हर व्यक्ति एक पेड़ लगाने को अपना कर्तव्य समझेः त्रिवेंद्र

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को बीरपुर, गढ़ी कैंट पुरानी डंपिग साइट पर कैंट बोर्ड और उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वृक्षारोपण किया। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हरेक व्यक्ति को एक पेड़ लगाने की जिम्मेदारी को अपना कर्तव्य समझना चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विभिन्न संस्थाओं के जरिए अगले साल से हर ग्राम सभा में हम पीपल, बरगद और इसकी प्रजाति के वृक्ष लगाएंगे। इसके प्रति लोगों को जागरूक भी करेंगे। दो साल पहले हमने ढाई लाख पौधे देहरादून में लगाए थे। मोथरोवाला में लगाए गए दस हजार पौधों का आज वहां सुंदर जंगल बन गया है। वृक्ष लगाने के लिए हर व्यक्ति को आगे आना चाहिए। साथ ही वृक्ष लगाने के बाद उसकी सुरक्षा और देखरेख उससे भी बड़ी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि यूएन की एक संस्था की अध्ययन रिपोर्ट में कोविड के बाद के अगले तीस सालों में हालातों का जिक्र कर पर्यावरण को लेकर वैश्विक स्तर पर काफी चिंता व्यक्त की गई है। खाद्यान्न उत्पादन में ही करीब 18 फीसदी तक कमी का जिक्र इस रिपोर्ट में किया गया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने 100 साल के पर्यावरण के अध्ययन में बताया है कि इस दौरान धरती के तापमान में करीब एक डिग्री की वृद्धि हुई है। आने वाले सालों में इसमें और ज्यादा वृद्धि होने की आशंका जताई गई है। इसलिए व्यापक रूप से आज ऐसे पेड़ लगाने की जरूरत है जो कार्बन को बड़ी मात्रा में सोखने की सामर्थ्य रखते हैं। इसे देखते हुए ही हमने पीपल, बरगद, गूलर और इसकी प्रजातियों के वृक्ष लगाने के लिए अभियान छेड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए तमाम लोग पर्यावरण विद, कृषि वैज्ञानिक और तमाम अन्य साइंसटिस्ट अपना काम कर रहे हैं। लेकिन अन्य लोग भी यदि एक पेड़ लगाएं तो उससे निश्चित तौर पर हम वैश्विक स्तर पर बढ़ते कार्बन उत्सर्जन को रोकने में कामयाब हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का अध्ययन बताता है कि पीपल और बरगद में सबसे ज्यादा कार्बन सोखने की शक्ति है। बरगद का एक युवा पेड़ एक साल में 3400 किलो से ज्यादा कार्बन को सोख सकता है। हालांकि हर पेड़ कार्बन को सोखता है। लेकिन पीपल और बरगद के वृक्षों में सबसे ज्यादा कार्बन सोखने की शक्ति है। इनके पेड़ आसानी से भी उग जाते हैं।
इस मौके पर कैंट बोर्ड की सीईओ तनु जैन, अपर सचिव वाई के पंत, पूर्व पार्षद कैंट बोर्ड बिष्णु प्रसाद और क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री के आह्वान पर मौजूद सभी लोगों ने वहां पर वृक्षारोपण किया।

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