डेयरी व्यवसाय बना किसानों की आजीविका उत्थान का जरिया
-नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) योजना के तहत किसानों को डेयरी व्यवसाय से जोड़ रहा डेयरी विकास विभाग
-जनपद में करीब 25 हजार लीटर दूध की खपत है प्रतिदिन
-15 हजार लीटर प्रतिदिन होता है जिले में उत्पादन
-आधुनिक तकनीक एवं उपकरणों की जानकारी और ट्रेनिंग भी दी जा रही
-जिला प्रशासन एवं दुग्ध विकास विभाग के सहयोग एवं मार्गदर्शन में हर वर्ष नए किसान अपना रहे डेयरी व्यवसाय
जनपद में लगातार दुग्ध उत्पादन में इजाफा हो रहा है। डेयरी उत्पादों की बढ़ती मांग के चलते पारंपरिक किसानों ने तो तरक्की की ही वहीं जिले में कई नए डेयरी व्यवसाय भी स्थापित हो रहे हैं। जिला प्रशासन एवं दुग्ध विकास विभाग के सहयोग एवं मार्गदर्शन में रूद्रप्रयाग के तीनों विकास खंडों में प्रतिवर्ष नए किसान दुग्ध विकास विभाग के जरिए दुधारू पशुओं की खरीद कर अपनी आजीविका में सुधार ला रहे हैं। नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) योजना के तहत डेयरी विकास विभाग किसानों को डेयरी व्यवसाय से जोड़ रहा है। विभाग की ओर से किसानों को आधुनिक तकनीक एवं उपकरणों की जानकारी और ट्रेनिंग भी दी जा रही है। वहीं दुधारू मवेशियों की खरीद के लिए आसानी से लोन उपलब्ध कराने के साथ ही पशुओं की खरीद में पूरी मदद भी की जा रही है। वहीं विभाग समय-समय पर किसानों को डेयरी से जुड़े प्रशिक्षण भी दे रहा है जिससे कि किसान वैज्ञानिक विधि से पशुओं की देखभाल कर सकें। मौजूदा समय में जिले में विभिन्न महिला समूह एवं किसान मिलकर प्रतिदिन 15 हजार लीटर से ज्यादा दूध उत्पादन कर बेच रहे हैं। ऐसे ही कुछ सफल किसनों की कहानी हम आज आपसे साझा कर रहे हैं।