देहरादून: चिकित्सा क्षेत्र में रोबोटिक्स की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून के आर्थोपेडिक्स और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विभाग के डायरेक्टर डॉ. हिमांशु कोचर ने ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में रोबोटिक तकनीक के उपयोग व लाभ पर अपने विचार साझा किए।
घुटने का दर्द और चलने में परेशानी किसी भी व्यक्ति की जीवन गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, जो अक्सर सरल गतिविधियों को भी चुनौतीपूर्ण बना देता है। जो लोग लंबे समय से घुटने और जोड़ों के दर्द से राहत पाना चाहते हैं, उनके लिए रोबोटिक सर्जरी एक गेम-चेंजर साबित हुई है। ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में रोबोटिक सर्जरी ने सर्जिकल और रिकवरी प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल दिया है, जिससे छोटे चीरे, अधिक सटीकता, कम पोस्टऑपरेटिव दर्द और तेज़ रिकवरी संभव हो पाई है।
मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, देहरादून के हड्डी एवं जोड़ रोग विभाग के डायरेक्टर डॉ. हिमाशु कोचर ने बताया कि वर्तमान में “अर्थराइटिस (जोड़ों का दर्द) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसका मुख्य कारण लाइफस्टाइल में बदलाव, मोटापे का बढ़ना और जोड़ों के चोट आदि शामिल है। इसके अलावा समय के साथ-साथ हमारे शरीर के ज्वाइंट्स का कार्टिलेज (रेशेदार ऊतक) खराब होने लगते हैं और ज्यादातर इसका प्रभाव घूटने या कूल्हों में देखने को मिलता है, इसमें बहुत तेज दर्द होता है। ऐसे में ज्वाइंट के दर्द से छुटकारा पाने का सबसे बेहतर उपाय ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी है। इसमें ज्वाइंट लाइनिंग्स के क्षतिग्रस्त हिस्से को आर्टिफिशियल हिस्से से जोड़ा जाता है, यह मेटल, प्लास्टिक और सिरेमिक मैटेरियल्स से बना होता है। इसमें ज्यादातर घूटने और कूल्हे के ज्वाइंट को बदला जाता है।
रोबोटिक सर्जरी की भूमिका को उजागर करते हुए डॉ. कोचर ने कहा, “रोबोटिक सर्जरी आम तौर पर न्यूनतम इनवेसिव होती है, इसलिए इसके बाद दर्द, संक्रमण और देरी से ठीक होने का जोखिम पारंपरिक सर्जरी के मुकाबले कम होता है। रोबोटिक आर्म्स, सर्जन को छोटे सर्जिकल चीरों के माध्यम से काम करने के लिए बेहतर एंगल और अधिक लचीलापन प्रदान करती हैं, जिससे आसपास के स्वस्थ टिश्यू को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है और इससे क्षतिग्रस्त टिश्यू भी जल्दी से ठीक हो जाते हैं, इसके अलावा आंतरिक शारीरिक संरचनाओं के बीच गलत जुड़ाव को भी रोका जाता है | रोबोटिक सर्जरी से इम्प्लांट्स को स्थानांतरित करने के बाद जोड़ों के चारों ओर के टेंडन, लिगामेंट्स और मांसपेशियां बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं और मरीज जल्दी अपनी रोज़मर्रा की गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं।
डॉ. कोचर ने निष्कर्ष में कहा, रोबोटिक सर्जरी न केवल ज्वाइंट रिप्लेसमेंट प्रक्रियाओं की सटीकता और प्रभावशीलता को बढ़ाती है, बल्कि रिकवरी समय को भी कम करती है, जिससे मरीज अपनी सामान्य दिनचर्या को जल्द और बेहतर परिणामों के साथ फिर से शुरू कर सकते हैं।।